नहीं रहे मशहूर कवि और चित्रकार इमरोज, अमृता के निधन के बाद लोगों से बनाई थी दूरी

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Imroz Passes Away: आज मशहूर कवि और चित्रकार इमरोज का 97 साल की उम्र में अपने मुंबई के घर में निधन हो गया है। वे कुछ समय से उम्र संबंधी परेशानियों से गुजर रहे थे। ​​​​​​इमरोज का मूल नाम इंद्रजीत सिंह था। इमरोज अमृता प्रीतम के साथ अपने रिश्ते के बाद काफी लोकप्रिय हो गए थे। हालांकि दोनों ने कभी शादी नहीं की, लेकिन 40 साल तक एक-दूसरे के साथ ही रहते थे।

इमरोज का जन्म साल 1926 में लाहौर से 100 किलोमीटर दूर एक गांव में हुआ था। इमरोज ने जगजीत सिंह की ‘बिरहा दा सुल्तान’ और बीबी नूरन की ‘कुली रह विच’ सहित कई प्रसिद्ध एलपी के कवर डिजाइन किए थे।

कैसे हुई थी अमृता और इमरोज की
इमरोज की मुलाकात अमृता से एक कलाकार के माध्यम से हुई जब अमृता अपनी किताब का कवर डिजाइन करने के लिए किसी की तलाश कर रही थीं। अमृता प्रीतम ने पंजाबी और हिंदी में कविताएं और उपन्यास लिखे। उन्होंने 100 से ज्यादा किताबें लिखीं। उनकी चर्चित कृतियां कुछ यूं हैं। उपन्यास- पांच बरस लंबी सड़क, पिंजर, अदालत, कोरे कागज, उन्चास दिन, सागर और सीपियां।

अमृता और इमरोज के बीच उम्र में सात साल का फासला था। साल 2005 में अमृता का निधन हो गया। अमृता ने अपनी मृत्यु से पहले इमरोज के लिए एक कविता लिखी ‘मैं तुम्हें फिर मिलूंगी’। वहीं इमरोज उनकी मृत्यु के तुरंत बाद कवि बन गए थे। उन्होंने अमृता पर एक प्रेम कविता पूरी की-‘उसने जिस्म छोड़ा है, साथ नहीं’।

गुमनामी का जीवन जीया
अमृता के निधन के बाद इमरोज लगभग गुमनामी का जीवन गुजारते रहे। अमृता का निधन 31 अक्टूबर 2005 को हुआ था। सूत्र बताते हैं कि इमरोज ने अपने आखिरी वर्षों में लोगों से मिलना जुलना बंद कर दिया था।


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