Birthday Special: तो इसलिए शत्रुघ्न से जलते थे अमिताभ बच्चन….

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मुम्बई: बॉलीवुड में कोई अपनी एक्टिंग के जरिए तो कोई स्टारडम और फाइटिंग को लेकर चर्चा में रहा। इसी में एक दौर आया अमिताभ और शत्रुघ्न का। जिनकी दोस्ती कभी स्टारडम और जलन के बीच इतनी बढ़ गई कि ये दो यार एक दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करते थे। ऐसा हम नहीं बल्कि इस साल फरवरी में लॉन्च हुई शत्रुघ्न सिन्हा की बायोग्राफी ‘एनीथिंग बट खामोश’ में लिखा गया है।
इस इवेंट के दौरान दोनों ही स्टार्स ने उनकी दोस्ती और फिर रिश्ते में आई दरार पर खुलकर बात की थी। खासकर शत्रुघ्न ने बिग बी के सामने ही इस बात का खुलासा किया था कि कैसे अमिताभ को उनके स्टारडम को लेकर जलन होने लगी थी और कैसे वे उन्हें अपनी कार में बैठाना भी पसंद नहीं करते थे।
शत्रुघ्न की बायोग्राफी में उनके और बिग बी के बीच मनमुटाव और खटास के बारे में कई बातें लिखी गई हैं। जब इवेंट के दौरान शत्रुघ्न से इस बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था, “ये बातें सब कल की हैं। अगर नहीं लिखता तो यह ऑनेस्ट बायोग्राफी नहीं होती। इसका मतलब ये नहीं कि आज मेरे दिल में कुछ खटास है। वो जवानी का जोश और स्टारडम का तकाजा था। अगर हम दोस्त हैं, तो हमें लड़ने का भी हक है।
अगर आज आप मुझसे पूछें तो मैं कहूंगा कि मेरे दिल में अमित (अमिताभ बच्चन) के लिए बेहद आदर है और मैं उन्हें पर्सनैलिटी ऑफ द मिलेनियम मानता हूं।” आपको बता दें शत्रुघ्न सिन्हा आज अपना 71वां जन्मदिन मना रहे है। ऐसे तो सिन्हा के जीवन में कई उतार चढ़ाव आए लेकिन अमित और शत्रुघ्न की दोस्ती को आज भी बी-टाउन में खूब याद किया जाता है।
क्यों आई थीं अमिताभ-शत्रुघ्न के बीच दूरियां
शत्रुघ्न ने अपनी बायोग्राफी में लिखा है, “फिल्मों में जो शोहरत अमिताभ बच्चन चाहते थे, वो मुझे मिल रही थी। इससे अमिताभ परेशान होते थे। इसके चलते मैंने कई फिल्में छोड़ दी और साइनिंग अमाउंट तक लौटा दिए।” बॉलीवुड कभी अमिताभ व शत्रु के दोस्ताना का गवाह रहा है। 70 के दशक में इस दोस्ती में दरार पड़ गई थी। दोस्ती दुश्मनी में कैसे बदली? इस सवाल का जवाब शॉटगन ने अपनी बायोग्राफी में दिया है। शॉटगन आज भी अमिताभ से दोस्ती टूटने को भूल नहीं पाए हैं।
यह दर्द उनको रह-रहकर परेशान करता रहता है। बायोग्राफी में भी उन्होंने इस दर्द को उकेरा है। शॉटगन मानते हैं कि 70 के दशक में बॉलीबुड में उनका कद अमिताभ बच्चन से बड़ा था। इस कारण ही दोस्ती में दरार पड़ी। अपनी किताब में शत्रु लिखते हैं, “तब लोग कहते थे कि अमिताभ और मेरी ऑनस्क्रीन जोड़ी सुपरहिट है, पर वो मेरे साथ काम नहीं करना चाहते थे। उनको लगता था कि ‘नसीब’, ‘काला पत्थर’, ‘शान’ और ‘दोस्ताना’ में मैं उनपर भारी पड़ गया, लेकिन इससे मुझे कभी फर्क नहीं पड़ा।”
“काला पत्थर के सेट पर कभी मुझे अमिताभ के बगल वाली कुर्सी ऑफर नहीं की गई। शूटिंग के बाद लोकेशन से होटल जाते हुए कभी अमिताभ ने मुझे अपनी कार में आने के लिए ऑफर नहीं दिया। मुझे ये देखकर आश्चर्य होता था कि आखिर ये क्यों हो रहा है। लेकिन मैंने कभी किसी बात को लेकर शिकायत नहीं की।” शॉटगन अपनी बायोग्राफी में लिखते हैं कि अमिताभ का फिल्मी करियर बनाने के लिए उन्होंने कई बड़ी फिल्में बिना किसी परेशानी के उनके लिए छोड़ दी। अपनी बायोग्राफी में शत्रु ने लिखा है, “ऐसी कई फिल्में हैं, जो मैंने अमिताभ के लिए छोड़ दी थी। और तो और, मैंने साइनिंग अमाउंट भी प्रोड्यूसर को लौटा दिया।”
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