इस साल कई हस्तियां दुनिया से चली गई। जिसमें मनोरंजन से लेकर साहित्य और राजनीतिक जगत की कई हस्तियों के नाम शामिल है। इन्होंने अपने क्षेत्र में बेहतरीन काम किया, जो हमेशा याद रखा जाएगा। वो भले ही आज इस दुनिया में नहीं है, लेकिन लोगों के दिलों में वो हमेशा जिंदा रहेंगे। आइए एक नजर डालते हैं ऐसी शख्सियतों के बारें में…
गिरीश कर्नाड-
अभिनेता गिरीश कर्नाड ने 10 जून को निधन हुआ। गिरीश ज्ञानपीठ अवॉर्ड से सम्मानित थे। अभिनेता के अलावा गिरीश कर्नाड लेखक और निर्देशक भी थे। गिरीश कर्नाड को 1998 में ज्ञानपीठ सहित पद्मश्री व पद्मभूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
राजकुमार बड़जात्या-
बॉलीवुड को कई फेमस फिल्म देने वाले फिल्म प्रोड्यूसर राजकुमार बड़जात्या का निधन 21 फरवरी को हो गया था। राजकुमार बड़जात्या, दिग्गज निर्देशक सूरज बड़जात्या के पिता थे।
वीरु देवगन-
बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन के पिता और बॉलीवुड के जाने माने स्टंट निर्देशक वीरु देवगन का निधन 27 मई को हो गया था। वीरु देवगन ने कुछ फिल्मों में एक्टिंग और प्रोड्यूसर के तौर पर भी काम किया था। अपने करियर में करीब 3 दर्जन से ज्यादा फिल्मों में स्टंट और एक्शन कोरियोग्राफर के तौर पर काम किया था।
कृष्णा सोबती-
प्रसिद्ध साहित्यकार और ज्ञानपीठ अवॉर्ड से सम्मानित कृष्णा सोबती का निधन 25 जनवरी को हुआ। उन्होंने ऐ लड़की, ज़िंदगीनामा, मित्रो मरजानी, हम-हशमत दिलो-दानिश, सूरजमुखी अंधेरे के, डार से बिछुड़ी, समय सरगम, गुजरात पाकिस्तान से गुजरात हिन्दुस्तान तक, मुक्तिबोध, मार्फत दिल्ली, लेखक का जनतंत्र, चन्ना आदि किताबें लिखी थी।
शौकत आज़मी-
बॉलीवुड अभिनेत्री शबाना आज़मी की मां और उर्दू के मशहूर शायर कैफी आज़मी की पत्नी शौकत आज़मी का 22 नवंबर को निधन हो गया था। उनकी उम्र 90 साल थी। शौकत ने मुज्जफर अली की फिल्म ‘उमराव जान’, एमएस साथ्यु की ‘गरम हवा’ और सागर साथाडी की फिल्म ‘बाजार’ में यादगार भूमिकाएं निभाईं।
अरूण जेटली-
देश के पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता अरूण जेटली का निधन नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में 24 अगस्त को हुआ था। अरूण जेटली ने अपने कई इंटरव्यू में कहा है कि वह जनाधार वाले नेता कभी नहीं बन सकते लेकिन उनकी पार्टी उन्हें एक अच्छा रणनीतिकार मानती थी। जिसके चलते जेटली ने 1998 के बाद कई चुनावों में अपनी रणनीति तैयार की। कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनावों में भी उनकी भूमिका अहम रही।
सुषमा स्वराज-
67 वर्ष की बीजेपी नेता और पूर्व विदेशमंत्री सुषमा स्वराज का निधन 6 अगस्त को हुआ। आपको बता दें, इसी दिन जम्मू-कश्मीर से धारा 370 का अंत हुआ था। जिसकी बधाई उन्होंने अपनी पार्टी और देश को दी। जिसके कुछ घंटों बाद उनके निधन का शोक समाचार प्रसारित होने लगा और पूरा देश स्तब्ध रह गया। नौ बार सांसद रह चुकीं सुषमा आम लोगों मे अपार लोकप्रिय थीं। उनको ट्वीटर पर एक करोड़ 20 लाख से अधिक लोग फॉलो करते थे। वे दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं। सुषमा स्वराज सन 1977 में सबसे कम उम्र की राज्यमंत्री बनी थीं। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वे सूचना एवं प्रसारण मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री रहीं।
शीला दीक्षित-
20 जुलाई को 81 साल की शीला दीक्षित का दिल्ली के फोर्टिस एस्कार्ट्स अस्पताल निधन हो गया था। शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. 2014 में उन्हें केरल का राज्यपाल बनाया गया था. लेकिन अगस्त, 2014 में उन्होंने इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
मनोहर पार्रिकर-
गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर ने लंबी बीमारी के चलते 17 मार्च को अंतिम सांस ली। वे लंबे वक्त से कैंसर से जूझ रहे थे। उनका पूरा नाम मनोहर गोपालकृष्णा प्रभु पर्रिकर था। मनोहर पर्रिकर तीन बार गोवा के सीएम रहे। साल 2000-05 में पहली बार, साल 2012-14 दूसरी बार और 14 मार्च 2017 को तीसरी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने।