सर्वे: ज्यादा बुद्धिमान लोग लीडर के तौर पर सफल साबित नहीं होते

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लंदन: किसी व्यक्ति के ज्यादा बुद्धिमान होने का ये मतलब नहीं कि वो एक लीडर के तौर पर भी सफल साबित होगा। स्विट्जरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ लॉसेन के रिसर्च के मुताबिक ज्यादा बुद्धिमान लोग एक लीडर के तौर पर कम प्रभावी साबित होते हैं। इसके मुताबिक, इंटेलिजेंसी कोशेंट (आईक्यू) 120 तक हो, तभी व्यक्ति अच्छी लीडरशिप स्किल दिखा पाता है।

आईक्यू इससे ऊपर जाते ही लीडरशिप के लिए जरूरी स्किल कमजोर पड़ने लगती हैं। यूनिवर्सिटी ने शोध के लिए अलग-अलग कंपनियों के 379 लीडर्स को चुना। इनमें 102 महिलाएं भी शामिल रहीं। इन लीडर्स की औसत उम्र 38 साल थी। सभी का आईक्यू टेस्ट किया गया और इनके प्रदर्शन के बारे में सहकर्मियों से फीडबैक लिया गया। इन दोनों के आधार पर नतीजे तैयार हुए।

शोधकर्ता जॉन एंटोनकिस ने बताया कि- ‘एक स्वस्थ व्यक्ति का औसत आईक्यू 100 तक होता है। जब हमने लीडर्स का आईक्यू टेस्ट किया, तो इसका स्तर औसतन 111 रहा। इसके आस-पास का आईक्यू होने पर लीडर्स का प्रदर्शन अच्छा रहा। अगर ये आईक्यू 120 तक भी बढ़ जाए, तब भी उनकी परफॉर्मेंस पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। लेकिन जैसे ही ये 120 से ऊपर जाता है, तो समस्या आती है। ऐसे में बुद्धिमानी तो बढ़ती है, लेकिन अपने प्रदर्शन से टीम को प्रेरित करने की क्षमता में कमी, टीम के साथ खराब व्यवहार, प्रैक्टिकल अप्रोच की कमी और आत्मघाती फैसले लेने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। यानी इंटेलिजेंस बढ़ने पर लीडरशिप स्किल में कमी आती है। यही ट्रेंड राजनीति में भी दिखता है।’

शोध टीम ने बताया कि-120 से ऊपर आईक्यू होने पर ट्रांसफॉर्मेशनल लीडरशिप घटती है। 
इसी की कमी से लीडर की टीम को प्रेरित कर पाने की क्षमता कम होती है। साथ ही डेरिमेंटल लीडरशिप को बढ़ावा मिलता है। इस तरह की लीडरशिप के चलते व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने लगते हैं। जिन लोगों का आईक्यू लेवल 128 से ऊपर हो, उनमें फैसले लेने की क्षमता कमजोर होने लगती है। इस तरह की प्रवृत्ति के लिए शोधकर्ताओं ने “लैसेज-फेयर लीडरशिप’ शब्द का इस्तेमाल किया है।

इस तरह की लीडरशिप में लीडर खुद अंतिम फैसले लेने से बचता है और इसके लिए अपनी टीम पर निर्भर हो जाता है। हालांकि लैसेज-फेयर लीडर ऐसा जताते हैं कि वो फैसले लेने में सक्षम तो हैं, लेकिन टीम को पर्याप्त मौके देने के लिए खुद फैसले नहीं ले रहे। इस तरह की लीडरशिप को टीम के प्रदर्शन के लिए अच्छा नहीं माना जाता।

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