लगातार तीसरे महीने घटी थोक महंगाई, खाने-पीने की चीजें सस्ती

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दिल्ली: सितंबर-अक्टूबर के मुकाबले थोक महंगाई दर में नवंबर माह में और ज्यादा गिरावट देखने को मिली है। नोटबंदी के बाद महंगाई दर में नरमी दर्ज की गई। देश भर में सब्जी और रसाई के दूसरे सामानों की मांग कम होने की वजह से नवंबर में थोक मुद्रास्फीति घटकर 3.15% पर आ गई।

थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्तूबर में 3.39 प्रतिशत थी। वहीं नवंबर 2015 में यह -2.04 प्रतिशत थी। वहीं सब्जियों के मामले में थोक मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) नवंबर में 24.10 प्रतिशत ( -24.10 प्रतिशत) नीचे आई। यह लगातार तीसरा महीना है, जब सब्जियों की महंगाई में कमी की प्रवृत्ति बनी हुई है।

दाल के दाम अब भी ऊंचे
हालांकि वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दाल के दाम अब भी ऊंचे बने हुए हैं और नवंबर महीने के दौरान इसमें 21.73 प्रतिशत का इजाफा देखा गया। वहीं आलू के मामले में मुद्रास्फीति दबाव सर्वाधिक 36.97 प्रतिशत रहा। वहीं फलों की महंगाई दर पिछले साल नवंबर के मुकाबले इस बार बढ़कर 2.45 प्रतिशत पर आ गई।

अक्तूबर में 4.34 प्रतिशत थी खाद्य मुद्रास्फीति
कुल मिलाकर खाद्य मुद्रास्फीति नवंबर में नरम होकर 1.54 प्रतिशत रही, जो अक्तूबर में 4.34 प्रतिशत थी। वहीं मैन्यूफक्चर्ड गूड्स (विर्निमित वस्तुओं) के मामले में महंगाई दर नवंबर में 3.20 प्रतिशत रही, जो इससे पहले अक्टूबर महीने में 2.67 प्रतिशत थी। वहीं चीनी की मुद्रास्फीति 31.76 प्रतिशत रही, जबकि पेट्रोल 5.54 प्रतिशत महंगा हुआ।

दो साल के न्यूनतम स्तर पर
इस बीच, सितंबर की थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े को संशोधित कर 3.8 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि पूर्व में इसके 3.57 प्रतिशत रहने की बात कही गई थी। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि खुदरा मुद्रास्फीति भी नवंबर में दो साल के न्यूनतम स्तर 3.63 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

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