आटा के भाव बढ़ने के कारण आम आदमी के चेहरे पर मायूसी-छा गई है। लोगों का कहना है कि आटा के भाव बढ़ने से जेब पर काफी असर पड़ेगा। पंजाब और हरियाणा में गेहूं के आटे का खुदरा भाव पिछले दस दिन में 3-4 रुपए प्रति किलोग्राम तेज हो गया है जबकि ये दोनों गेहूं उगाने वाले प्रमुख राज्य हैं। आटा मिल मालिकों का कहना है कि गेहूं की आपूर्ति कम होने से भाव तेज हुए हैं।
मिलों ने केंद्र से गेहूं की आपूर्ति बढाने की मांग की है ताकि गेहूं आधारित उत्पादों के दामों में आई तेजी पर अंकुश लगे। पंजाब रोलर फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश घई ने आज कहा, ‘पिछले दस दिन में गेहूं-आटा 3-4 रुपए प्रति किलो ग्राम तेज हो चुका है।’ उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा खुले बाजार में बिक्री की योजना के तहत गेहूं की कम मात्रा जारी किए जाने से आटा महंगा हुआ है।
मिल मालिकों का कहना है कि आटे का भाव 10-15 दिन पहले 20-21 रुपए चल रहा था जो 23-24 रुपए प्रति किलो ग्राम हो गया है। उनका कहना है कि पहले एफसीआई हर सप्ताह एक लाख टन गेहूं खुले बाजार के लिए जारी करता था अब केवल 14,000 टन गेहूं का टेंडर निकल रहा है। यह आटा मिलों की जरूरत के लिए पर्याप्त नहीं है।
आटा महंगा और डाटा सस्ता-
मिल मालिकों का कहना है कि जहां खाने-पीने की चीजे महंगी होती जा रही है वहीं लोगों के लिए नेट डाटा आए दिन सस्ता हो रहा। मलिकों का कहना है कि ऐसा अगर चलता रहेंगा तो आदमी क्या खाएगा।