फर्जी Whatsapp ने बनाया 10 लाख लोगों को अपना शिकार, लूटी फोन से ये जानकारियां

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गैजेट्स डेस्क: डिजिटल वर्ल्ड आपकी जिंदगी को जितना आसान बना रहा उससे कई ज्यादा आपके लिए खतरे पैदा कर रहा है। इसके नतीजे आपको पिछले दिनों में मालूम चल ही गए होंगे जब खबर आई थी एक वायरस बड़ी तेजी के साथ आपके स्मार्टफोन को शिकार बना रहा है। बस अब भी ऐसी ही खबर आई जिस पर आप कितना यकीन करेंगे ये तो पता नहीं लेकिन ये 100% सच है।

दरअसल, खबर मिली है कि Google Play Store पर Whatsapp का फर्जी वर्जन अपलोड किया गया है। जिससे कुछ Whatsapp यूजर्स Update वर्जन समझकर डाउनलोड करने में लगे हैं। Google Play Store के अनुसार, Whatsapp का ये फर्जी वर्जन अबतक 10 लाख बार डाउनलोड किया जा चुका है। आगे पढ़िए क्या है इस फर्जी  WhatsApp के नुकसान और क्यों इतनी बड़ी संख्यां में लोग बन रहे हैं इसका शिकार।

10 लाख Android यूजर्स बनें शिकार-
इस खबर की जानकारी सबसे पहले Reddit यूजर ने अपने अंकाउट पर शेयर की। उसने लिखा व्हासऐप के अपडेट वर्जन के नाम पर भारी संख्या में लोग फर्जी व्हाट्सऐप अपने फोन में इंस्टॉल करने में लगे हैं। फर्जी व्हाट्सऐप को हैकर्स ने हू-ब-हू रियल व्हाट्सऐप की तरह डिजाइन किया है। बस ध्यान दें हैकर्स ने Google Play Store पर इसे Update Whatsapp के नाम पर इंस्टॉल किया है। आपको बता दें, इस फर्जी व्‍हाट्सऐप का लोगो और स्टाइल पूरी तरह ओरिजिनल WhatsApp जैसा ही था, इसलिए लोग जान ही नहीं पाए कि यह फर्जी है।

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ऐसे आपका डेटा चुरा रहा है फर्जी व्हाट्सऐप-
स्मार्टफोंस को निशाना बनाने की एक नई तकनीक है। इसमें तो खुद google मात खा गया। आपको बता दें जिन लोगों ने इस फर्जी ऐप को डाउनलोड किया है उनके फोन को बिना कुछ नुकसान पहुंचाए हैकर्स ने उनकी सारी जानकारियां जुटा ली है। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर लोगों ने नकली व्हाट्सऐप डिलीट भी कर दिया तो भी कोई फायदा नहीं। आपको बता दें इस google का हर ऐप यूजर्स को ये विश्वास दिलाता है कि वह हाई सिक्योरटी के साथ इंटरनेट पर रन कर रहा है लेकिन इस खबर ने ये साबित कर दिया कि google के सभी दावे झूठे है। google प्ले स्टोर के बारें में कहा जाता है कि यहां फर्जी ऐप इंस्टाल किये जाने पर google उसे खुद रिमूव कर देता है लेकिन इस फर्जी Whatsapp से गूगल खुद मात खा गया। हम आपको बस ये ही सलाह दे सकते हैं कि गूगल प्ले स्टोर से कोई भी ऐप इंस्टॉल करते समय बहुत सावधानी से उसका डेवलपर नेम, उसके तमाम फीचर्स आदि की जानकारियां पढ़ ले तभी किसी App को अपने फोन में इंस्टॉल करें वरना आपको भी 10 लाख लोगों की तरह ये खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

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आप नहीं देते इन बातों पर ध्यान-
Google Play Store आज हर किसी जरूरत बन चुका है, अासानी से यहां हर ऐप मौजूद है। हैकर्स ने भी व्हाट्सऐप यूजर्स को अपना शिकार काफी बेहतर तरीके से बनाया। दरअसल, कुछ लोगों की आदत होती है किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी सारी जानकारियां पढ़ने की लेकिन बड़ी संख्या में कुछ ऐसे लोग भी है जो इन जानकारियों नहीं पढ़ते और ऐसे लोग इन हैकर्स की चाल में फंस जाते हैं। हैकर्स ने यहां भी अपनी चालाकी खूब दिखाई।WhatsApp की फर्जी ऐप के मामले में हैकर्स ने अपनी डेवलपर कंपनी का नाम भी हूबहू कॉपी किया।

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यानी Whatsapp Inc। जब ये मामला सामने आया तो काफी एक्सपर्ट हैरान है कि हैकर्स ने कंपनी तक नाम कॉपी कर लिया लेकिन कैसे। कुछ एक्सपर्ट बता रहे हैं कि डेवलपर नेम में WhatsApp का कंपनी नेम दिखाने के लिए किसी खास ट्रिक का इस्तेमाल किया गया था। एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि यह ट्रिक यूनिकोड का इस्तेमाल करके लगाई गई होगी। यूनिकोड ट्रिक एक ऐसा तरीका है कि जिसके द्वारा वेब ब्राउजर में किसी फर्जी URL द्वारा भी ओरिजिनल जैसी दिखने वाली साइट पर भेजा जा सकता है। एक बार ऐसा पहले भी हो चुका है जब कुछ लोगों ने Apple.com के डोमेन को यूनिकोड द्वारा Apple.com ही दिखाया।

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