2006 के मनमोहन सिंह के भाषण पर 2024 में क्यों छिड़ी दंगल? देखें ये VIDEO

पीएम मोदी के आरोपों पर कांग्रेस ने जोर देकर कहा है कि इसमें किसी से कुछ लेकर बांटने की बात नहीं कही गई है और 'व्यापक सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना' का समर्थन किया गया है।

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राजस्थान के बांसवाड़ा में रविवार को पीएम मोदी ने कहा- अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हरेक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा। हमारी बहनों के पास सोना कितना है, इसकी जांच की जाएंगी। चांदी का हिसाब लगाया जाएगा। ये गोल्ड है, बहनों का और जो संपत्ति है वो सबको समान रूप से वितरित कर दी जाएगी। क्या आपकी संपत्ति को सरकार को हैक करने का अधिकार है क्या। क्या आपकी मेहनत करके कमाई गई संपत्ति को सरकार को ऐंठने का अधिकार है।

मेरी माताओं-बहनों की जिंदगी में सोना सिर्फ शो करने के लिए नहीं होता है। उसके स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है। उसका मंगलसूत्र सोने की कीमत का मुद्दा नहीं है, उसके जीवन के सपनों से जुड़ा है, उसे छीनने की बात कर रहे हो अपने घोषणा-पत्र में। गोल्ड ले लेंगे, सबको वितरित कर देंगे। पहले जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने कहा था देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्‌ठी करके किसको बांटेंगे, जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे, घुसपैठियों को बांटेंगे। क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा। आपको मंजूर है ये।

इस भाषण के बाद पीएम मोदी और बीजेपी को लगातार विपक्ष घेरने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, अब ये मामला इतना तूल पकड़ चुका है कि पीएम मोदी पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के आरोप लग रहे हैं। जानिए आखिर ये मामला क्या था।

दरअसल, भाजपा, कांग्रेस मैनिफेस्टो को मुस्लिम लीग का मैनिफेस्टो बता रही है। साथ ही उसके घोषणा पत्र के पेज नंबर 7 पर हिस्सेदारी न्याय के तहत, पहले पॉइंट का जिक्र कर रही है। इसमें कहा गया है कि कांग्रेस राष्ट्रव्यापी आर्थिक-सामाजिक जाति जनगणना करवाएगी। इसके माध्यम से कांग्रेस जातियों, उपजातियों और उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति का पता लगाएगी। पीएम के मंगलसूत्र और संपत्ति बांटने के बयानों को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

मनमोहन सिंह ने 18 साल पहले क्या कहा था?
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 9 दिसंबर 2006 को राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने देश के विकास की योजना को लेकर काफी कुछ कहा था। हालांकि उनके जिस बयान पर विवाद हुआ है, उसमें उन्होंने कहा था कि ‘मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं कृषि, सिंचाई, जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में निवेश के साथ ही एससी/एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और बच्चों का उत्थान है। हमें ऐसी नई योजनाएं बनानी होंगी, जिनसे अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों को विकास में समान भागीदारी मिल सके।

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देश के संसाधनों पर उनका पहला हक होना चाहिए।’ मनमोहन सिंह ने कहा था कि ’11वीं पंचवर्षीय योजना ऐसे बिंदु से शुरू हो रही है, जब हमारे देश की आर्थिक क्षमता ने हमारे संस्थापकों के उन सपनों को साकार करना संभव बना दिया है, जिसमें समृद्ध, समावेशी और न्यायसंगत भारत का सपना देखा गया था। एक ऐसा भारत जहां हर नागरिक को उसकी पूरी क्षमता से जीने का अवसर मिलेगा।’

आपको बता दें, साल 2006 में भी सिंह के बयान के बाद बवाल मचा था। तब प्रधानमंत्री के कार्यलय से प्रेस रिलीज की गई थी।

कांग्रेस ने क्या कहा पीएम मोदी के बयान पर
वहीं पीएम मोदी के आरोपों पर कांग्रेस ने जोर देकर कहा है कि इसमें किसी से कुछ लेकर बांटने की बात नहीं कही गई है और ‘व्यापक सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना’ का समर्थन किया गया है। विवाद के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी को अपने घोषणापत्र की कॉपी भेजने की बात कही है। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ‘वह (पीएम मोदी) हर चीज के बारे में झूठ बोल रहे हैं और कांग्रेस के घोषणापत्र को गलत बता रहे हैं। इसलिए हमने घोषणापत्र को पीएमओ भेजने का फैसला किया है। वह घबरा रहे हैं कि भारत का मूड बदल रहा है।’

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