राजस्थान: दाे हफ्ते का ब्रेक लेने के बाद राजस्थान में फिर से मानसून सक्रिय हुआ है। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से राज्य के दक्षिणी पूर्वी जिलाें में मानसून एक्टिव है। राजस्थान में अटक-अटककर चल रहे मानसून से जल संकट का खतरा मंडरा रहा है। दैनिक भास्कर के मुताबिक, हमारी करीब 1 करोड़ आबादी का पेयजल जिन बांधों से मिलता है, उनमें अभी तक करीब 30% पानी ही आया है। अकेले बीसलपुर बांध पर ही 90 लाख आबादी निर्भर है।
इसमें अब तक सिर्फ 34.10% पानी आया है। जवाई 12.01% व जाखम बांध सिर्फ 39.57% भर पाया है। इन दोनों बांधों पर लगभग 10 लाख आबादी निर्भर है। इसके अलावा अन्य छोटे-बड़े बांध भी पूरे साल लगभग 20 से 30 लाख लोगों की प्यास बुझाते हैं। मगर चिंता की बात ये है कि इनमें भी औसत से कम पानी आया है। ऐसे में जलदाय विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। अब 10 सितंबर तक बारिश का इंतजार किया जाएगा, इसके बाद सर्दियों के लिए भी कंटिंजेंसी प्लान बनाना होगा।
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भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने शनिवार व रविवार काे भरतपुर, धाैलपुर, कराैली, स.माधाेपुर, अलवर, दाैसा, जयपुर, झुंझुनूं और सीकर जिले में एक दो स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रदेश में पूर्व इलाकाें में डेढ़ दर्जन जिलाें में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश का अनुमान है। 23 अगस्त से 2 सितंबर तक मानसून फिर कमजाेर पड़ने से बारिश की में कमी हाेने की संभावना है। उसके बाद फिर बारिश होगी।
बता दें, बीते 24 घंटे में उदयपुर, काेटा व भरतपुर संभाग के कुल 14 में से 8 जिलाें में अच्छी बारिश हुई। बांसवाड़ा, काेटा, चित्तौड़, डूंगरपुर, झालावाड़, स.माधाेपुर, सिराेही, टाेंक व उदयपुर में जमकर बारिश हुई। वहीं, पश्चिमी राजस्थान में अभी भी गर्मी हावी है। श्रीगंगानगर, फलाैदी, बीकानेर, चूरू और बाड़मेर में पारा 40 डिग्री से ऊपर रहा।
राजस्थान में बांधों की स्थिति-
कुल बांध- 727
खाली- 279
ओवरफ्लो-120
आवक जारी- 306
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