विजय माल्या देश का पहला भगोड़ा घोषित हुआ, अब होगी सारी संपत्ति जब्त

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नई दिल्ली: 9 हजार करोड़ का चुना लगाकर विदेश भागने वाले विजय माल्या को आज देश का पहला भगोड़ा घोषित कर दिया है। विजय माल्या को विशेष पीएमएलए अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है। इसके लिए प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में याचिका लगाई थी। 26 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने फैसला 5 जनवरी तक के लिए सुरक्षित रखा था। अब जब कोर्ट को फैसला आ गया है तो आपको बता दें सरकार विजय माल्या की संपत्ति कभी भी जब्त कर सकती हैं।

माल्या ने पहले प्रिवेंशन मनी लॉन्ड्र एक्ट (पीएमएलए) अदालत को बताया था कि वह भगोड़ा आर्थिक अपराधी नहीं है। उसने यह भी कहा था कि वह मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल नहीं है। कोर्ट के इस फैसले के साथ ही विजय माल्या पर अब नए भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 के तहत केस चलेगा।

माल्या ने अपने वकील अमित देसाई के जरिये याचिका को निरस्त करने की मांग की और से कहा गया था कि नया कानून कठोर है। देसाई ने ईडी के उस दावे का विरोध किया, जिसमें कहा गया है कि शराब कारोबारी मार्च 2016 में एक सम्मेलन में शामिल होने के बहाने सामान से भरे 300 बैग के साथ जेनेवा चला गया था। वास्तव में वह सम्मेलन के बहाने देश से भाग गया था।

बता दें कि पिछले साल 10 दिसंबर को लंदन की अदालत ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था। लंदन की वेस्टमिनिस्टर कोर्ट ने  विजय माल्‍या को भारत भेजने की इजाजत दे दी। माल्या के पास प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिनों का वक्त होगा। आपको बता दें कि भारतीय जांच एजेंसियां माल्या को प्रत्यर्पित करा स्वदेश वापस लाने की कोशिश पिछले काफी समय से कर रही थी।

इतना कर्जा बाकी विजय माल्या पर-
माल्या पर बैंकों का लगभग 9400 करोड़ रुपए बकाया है। उनके खिलाफ 17 बैंकों के कंसोर्शियम ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल की थी। माल्या की तरफ से कहा गया है कि तेल के रेट बढ़ने, ज्यादा टैक्स और खराब इंजन के चलते उनकी किंगफिशर एयरलाइन्स को 6,107 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा था। हालांकि वह अभी करीब 1800 करोड़ रुपए के विलफुल डिफॉल्टर हैं। बाकी बैंक अब भी माल्या के खिलाफ कोर्ट नहीं गए हैं।