शेल्टर होम में कोरोना के साथ में नाबालिगों के गर्भवती होने के मामले में गरमाई सियासत, जानें मामला

बाल संरक्षण गृह में कोरोना के टेस्ट किए जा रहे हैं जिनमें से अब तक कुल 171 पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। इनमें से 57 की उम्र 15 से 17 साल की है।

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उत्तर प्रदेश: कानपुर में दो कर्मचारियों समेत 57 लड़कियों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव निकलने से हड़कंप मच गया है। वहीं 7 बालिकाएं गर्भवती भी निकली हैं। एक सप्ताह पहले ही संवासिनी गृह की एक महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। उसके बाद 18 जून को एक साथ 33 महिलाओं की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

19 जून को 16 और संवासिनियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। 20 जून की रात जांच रिपोर्ट में 8 और कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। संवासिनी गृह में 12 वर्ष से लेकर 34 साल तक की महिलाएं रहती हैं। इस मामले के सामने आने के बाद प्रियंका गांधी ने बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह का जिक्र करते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है। वहीं इस घटना पर सियासत तेज हो गई है।

इस पूरे मामले में कानपुर के SSP दिनेश कुमार पी. का कहना है कि दोनों लड़कियां शेल्टर होम आने से पहले ही गर्भवती थीं। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज है। एक लड़की कन्नौज तो दूसरी आगरा से आई थी। बेवजह मामले को गलत मोड़ दिया जा रहा है।

बता दें, पिछले कई दिनों से बाल संरक्षण गृह में कोरोना के टेस्ट किए जा रहे हैं जिनमें से अब तक कुल 171 पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। इनमें से 57 की उम्र 15 से 17 साल की है। बाकी 114 लड़कियों और 37 कर्मचारियों को क्वारंटीन कर दिया गया है। कानपुर पुलिस अब इस तथ्य की जांच कर रही है कि आखिर संवासिनी गृह में कोरोना फैला कैसे।

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