उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों का पहला VIDEO सामने आया, देखें कैसी है स्थिति?

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था। टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी। इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए। रेस्क्यू के दौरान 16 नवंबर को टनल से और पत्थर गिरे जिसकी वजह से मलबा कुल 70 मीटर तक फैला गया।

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Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 10 दिन से फंसे 41 मजदूरों का पहला फुटेज सामने आया। 6 इंच चौड़ी नई पाइपलाइन के जरिए रविवार को एंडोस्कोपिक कैमरा अंदर भेजा गया था। इसके जरिए मजदूरों से बातचीत की गई। उनकी गिनती भी की गई। सभी मजदूर सुरक्षित हैं।

इसी 6 इंच वाली पाइप से मजदूरों के लिए सोमवार रात को 24 बोतल में खिचड़ी और दाल भेजी गई। 9 दिन बाद पहली बार मजदूरों को गर्म खाना भेजा गया। इसके अलावा संतरे, सेब और नींबू का जूस भी भेजा गया। मजदूरों की हर एक्टिविटी का पता लगाने के लिए अब दिल्ली से हाईटेक CCTV मंगाए जा रहे हैं। उनको अंदर भेजकर मजदूरों से सेट करवाया जाएगा।

इसके अलावा सोमवार को रेस्क्यू ऑपरेशन में दो अहम सफलता मिली। पहली, 6 इंच चौड़ी नई पाइपलाइन डाली गई। दूसरी, ऑगर मशीन के साथ काम कर रहे मजदूरों को किसी अनहोनी से बचाने के लिए रेस्क्यू टनल बनाई जा चुकी है। मंगलवार दोपहर तक टनल में 3 जगह से ड्रिलिंग शुरू होने की उम्मीद है।

 

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आज 4 फ्रंट पर काम हो सकता है…

  1. सिलक्यारा यानी टनल के एंट्री पॉइंट की तरफ से ऑगर मशीन की ड्रिलिंग शुरू हो सकती है।
  2. डंडालगांव की ओर से टनल में THDCIL की ड्रिलिंग शुरू हो सकती है। मशीनें पहुंच गई हैं।
  3. डंडालगांव की ओर से ही ओएनजीसी की वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हो सकती है। सर्वे पूरा हो गया है।
  4. आरवीएनल ने सिलक्यारा के पास वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए जमीन में पानी और पत्थरों की जांच कर ली है। मशीनें आज शाम तक पहुंचेगी तो बुधवार से ड्रिलिंग शुरू हो सकती है।

कैसे और कब हुआ ये हादसा
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था। टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी। इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए। रेस्क्यू के दौरान 16 नवंबर को टनल से और पत्थर गिरे जिसकी वजह से मलबा कुल 70 मीटर तक फैला गया। टनल के अंदर फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं।


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