भारतीय टेक बाजार में इन दिनों यूएसबी कंडोम के नाम की चर्चा हो रही है। साथ ही, इसकी डिमांड भी होने लगी है। हालांकि, ये मूल कंडोम से पूरी तरह अलग हैं। यानी यूएसबी कंडोम का इस्तेमाल स्मार्टफोन की सेफ्टी और डाटा सिक्योरिटी के लिए किया जाता है। यूएसबी कंडोम एक डाटा ब्लॉकर की तरह काम करता है। इसका इस्तेमाल कर आप बिना किसी टेंशन के अपना फोन पब्लिक यूएसबी पोर्ट पर लगा सकते हैं।
यूएसबी कॉन्डम वास्तविक कॉन्डम की तरह लेटेक्स नहीं होते हैं, लेकिन ये काफी हद तक आपकी प्राइवेसी की सुरक्षा करते हैं. यूएसबी कॉन्डम का फोन को ‘जूस जैकिंग’ से बचाते हैं।
क्या है ‘जूस जैकिंग’
‘जूस जैकिंग’ एक तरह का साइबर अटैक है, जिसमें सार्वजनिक यूएसबी पोर्ट के ज़रिए आपके मोबाइल को संक्रमित किया जाता है और आपके मोबाइल में मालवेयर इंस्टॉल कर दिया जाता है, जो आपकी निजी जानकारी को साइबर अपराधी तक पहुंचाने में सक्षम होते हैं।
कहां किन स्थानों पर हो सकती है जूस जैकिंग?
इन दिनों पब्लिक प्लेस जैसे रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड्स यहां तक की होटल के अंदर मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट की जगह यूएसबी पोर्ट होते हैं। इन पोर्ट में चार्जिंग केबल लगाकर डिवाइस को चार्ज किया जाता है। इन्ही पोर्ट पर साइबर क्रिमिनल की नजर होती है।
कितनी कीमत-
‘यूएसबी कंडोम’ अमरीकी बाजारों में 10 डॉलर में उपलब्ध हैं और यह इतना छोटा होता है कि आप इसे कहीं भी ले जा सकते हैं। भारत में यह 500 से 1000 रुपए में ऑनलाइन उपलब्ध है।
कैसे काम करता है USB कंडोम?
USB कंडोम में PortaPow USB डेटा ब्लॉकर होते हैं। ये सोर्स मोबाइल को USB पोर्ट से कनेक्ट होने पर चार्ज तो करता है, लेकिन डेटा एक्सचेंज की सभी परमिशन को ब्लॉक कर देता है।