पाक सीमा पर अमेरिका ने गिराया दुनिया का सबसे बड़ा बम, सैकड़ों जान जाने का अंदेशा

अफगानिस्तान में सुरंगें बनाकर छिपे करीब सात हजार आईएस आतंकियों पर अमेरिका का सबसे बड़ा हमला

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वॉशिंगटन: अमेरिका ने बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए आतंकियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। अफगानिस्तान में सुरंगें बनाकर छिपे करीब सात हजार आईएस आतंकियों पर गुरुवार को अमेरिका ने दुनिया का सबसे बड़ा 10 हजार किलो का गैर परमाणु बम गिरा दिया।

इस बम को मदर ऑफ ऑल बम कहा जाता है। जिस जगह हमला हुआ है, वह पाकिस्तान की सीमा से सटी है। पेशावर यहां से महज 100 किलोमीटर ही है। माना जा रहा है कि हमले में मरने वालों की तादाद सैकड़ों में हो सकती है। सही स्थिति संभवत: शुक्रवार तक साफ हो सकती है। अमेरिका ने यह हमला अपने एक सैनिक की मौत का बदला लेते हुए किया है। यह सैनिक पिछले शनिवार को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में शहीद हुआ था।

अमेरिकी प्रवक्ता ने बताया कि हमले के दौरान आम नागरिकों को बचाने के लिए पूरी सावधानी बरती गई है। यह बम सामान्य लड़ाकू विमान से नहीं गिराया जा सकता था। इसलिए मालवाही एमसी-130 एयरक्राफ्ट से गिराया गया। अमेरिकी सेना के कमांडर जनरल जॉन निकलसन ने बताया कि नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।

जहां हमला हुआ, वहां 95 हजार पश्तून भी रहते हैं
अमेरिका का हमला अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत के अचिन जिले में हुआ। यहां पर करीब 95 हजार पश्तून कबायली भी रहते हैं। पाकिस्तानी सीमा से सटा पूर्वी अफगानिस्तान का यह जिला अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक है। ओसामा बिन लादेन के अल कायदा के आतंकियों ने भी इसी प्रांत में स्थित तोरा-बोरा की गुफाओं में ठिकाना बनाया था।

जीपीएस गाइडेड बम में भरा था 8164 किलो विस्फोटक
10हजार किलो वजनी इस बम में 8164 किलो विस्फोटक भरा था। करीब डेढ़ किलोमीटर दायरे में विस्फोट का असर हुआ। यह दुनिया का पहला जीपीएस निर्देशित बम है। इसका आधिकारिक नाम जीबीयू-43/बी है। सामान्यत: मोएब (मैसिव ऑर्डनेंस एयर ब्लास्ट) कहलाता है। अमेरिका ने 2003 में इसे तैयार किया था, लेकिन पहली बार अभी इस्तेमाल किया है।

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