अमेरिका: नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कुर्सी पर बैठे अभी कुछ वक्त भी नहीं बिता की उन्होंने तानाशाही रवाईयां अपना भी शुरू कर दिया। ट्रंप के दिए ऑर्डर के हिसाब से सात मुस्लिम बहुल देशों के लोगों को अगले 90 दिनों तक अमेरिका में नहीं घुसने दिया जाएगा। इसके अलावा 120 दिनों तक कोई शरणार्थी भी वहां नहीं जा पाएगा। उनके इस फैसले से अमेरिका के साथ-साथ दुनिया भर के लोग परेशान हैं।
इस बीच एक अमरीकी अदालत ने शरणार्थियों को हिरासत में लिए जाने पर रोक लगा दी है। प्रवासियों पर प्रतिबंध लगाने के ट्रंप के फ़ैसले की मानवाधिकार समूहों ने कड़ी आलोचना की है।
अमेरिका के इस फैसले से 130 मिलियन लोगों पर सीधे-सीधे प्रभाव पड़ने वाला है। यूएस के एयरपोर्ट्स पर भी इसको लेकर भ्रामक स्थिति बनी हुई है। डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से सभी लोग परेशान हैं। फेसबुक के CEO मार्क जकरबर्ग ने फेसबुक पर अपनी चिंता जाहिर की थी। शुक्रवार (27 जनवरी) को लिखे गए पोस्ट में जुकरबर्ग ने ट्रंप से निवेदन किया है कि वह शर्णार्थियों के लिए अमेरिका के दरवाजे बंद ना करें।
न्यू यॉर्क के एक संघीय न्यायाधीश ने शनिवार को कुछ लोगों को अमेरिका से निकाले जाने पर रोक लगा दी। वे लोग यूएस एयरपोर्ट्स पर फंसे हुए थे। कार्यकारी कार्रवाई के तहत उन्हें वहां से जाने के लिए कहा जा रहा था। इस वजह से अब अमेरिका के सभी एयरपोर्ट्स पर बाहरी लोगों की भीड़ है जिन्हें अंदर घुसने नहीं दिया जा रहा।
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इस आदेश के मुख्य बिंदु
- अमरीका में शरणार्थियों को शरण देने पर 120 दिनों की रोक।
- सीरियाई शरणार्थियों पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध।
- सात मुसलमान बहुल देशों- इराक़, सीरिया, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सुडान और यमन से आने वाले लोगों पर 90 दिनों के लिए रोक। इस रोक में यूएन वीज़ा और राजनयिक वीज़ा शामिल नहीं।
- अपने देशों में दमन का सामना कर रहे धार्मिक अल्पसंख्यकों को वरीयता दी जाएगी। ट्रंप ने खास तौर पर सीरियाई ईसाइयों का ज़िक्र किया।
- 2017 में अधिकतम 50 हज़ार प्रवासी स्वीकार किए जाएंगे. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यह सीमा एक लाख दस हज़ार तय की थी।
- कुछ विशेष मामलों में छूट दी जा सकती है।
अभी ये स्पष्ट नहीं है कि इस आदेश का क़ानून स्थाई रिहाइश का अधिकार रखने वाले या ग्रीन कार्ड वाले लोगों पर क्या असर होगा। अधिकार समूहों ने ऐसे लोगों को अमरीका से बाहर जाने या लौटने से पहले प्रवासी कानून जानकारों से परामर्श करने की सलाह दी है।
वीजा साक्षात्कार में छूट के कार्यक्रम को निलंबित किए जाने के बाद दुनियाभर में वीजा सेवाओं पर क्या असर होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि वीज़ा लेने में अधिक समय लग सकता है।