कमाल के हैं ये ग्लव्स, हजारों किमी दूर बैठे शख्स को छूने का अहसास कराएंगे

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गैजेट्स डेस्क: इसके लिए कनाडा की एक यूनिवर्सिटी के कुछ स्टूडेंट रिसर्चर्स ने एसोसिएट प्रोफेसर कैमरन न्यूटेडर के साथ मिलकर अनूठे ग्लव्स बनाए हैं। सिमॉन फ्रेजर यूनिवर्सिटी की टीम ने ग्लव्स का नाम रखा है ‘फ्लेक्स एंड फील’।

कैमरन ने कहा, ‘करियर के लिए लोग पेरेंट्स, पार्टनर्स से दूर रह रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे को देख लेते हैं, पर उनका शारीरिक रूप से पास होना मिस करते हैं। ये कमी दूर करने के लिए ग्लव्स बनाए हैं। इसके जरिए एक-दूसरे से मीलों दूर बैठे लोग भी शारीरिक तौर पर जुड़ा हुआ महसूस कर सकेंगे। चाहे पार्टनर का हाथ थाम एक प्यारी सी वॉक की चाहत हो, इससे पूरी होगी।’

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ऐसे काम करेंगे ये ग्लव्स :
कैमरन से पूछा गया कि ये ग्लव्स काम कैसे करते हैं? उन्होंने बताया, ‘ग्लव्स में एक छोटी स्विच लगी है। जब कोई शख्स स्विच ऑन करने के बाद एक ग्लव में हाथ डालकर मूव करेगा, तो उसके मूवमेंट से सिग्नल्स ट्रांसमिट होंगे। ये सिग्नल दूसरे शख्स के पास रखे ग्लव तक पहुंचेंगे, जिससे उसमें वाइब्रेशन होगी। वो शख्स जैसे ही दूसरे ग्लव को पहनेगा, उसे सामने वाले की हथेली और उंगलियों का टच महसूस होगा।

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पूरा सिस्टम ग्लव के माइक्रोकंट्रोलर में लगे सेंसर्स से काम करता है। सेंसर हाथ के हर मूवमेंट के लिए एक वैल्यू देता है जो वाई-फाई मॉड्यूल के जरिए दूसरे ग्लव तक पहुंचता है। दूसरा ग्लव इसपर रिएक्ट करता है।’ अभी ग्लव्स का प्रोटोटाइप बना है। इसकी टेस्टिंग चल रही है। टेस्ट के बाद ही इसे कॉमर्शियल मार्केट में लाया जाएगा।

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‘बी विद मी’; एक दूसरे की नजरों से देख सकेंगे :
इसी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट रिसर्चर्स की दूसरी टीम वर्चुअल रिएलिटी के अन्य प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। कैमरन के ही नेतृत्व में टीम वर्चुअल रिएलिटी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम डेवलप कर रही है। इसके जरिए आप वो देख पाएंगे जो आपसे दूर बैठे शख्स की नजरें देख रही होंगी। इस प्रोजेक्ट का नाम है बी विद मी। कैमरन ने बताया कि फिलहाल इसका काम शुरुआती स्तर पर है।

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