लाइफस्टाइल डेस्क: आमतौर पर रिश्ते में लड़ाई-झगड़े को गलत माना जाता है लेकिन रिश्ते में नोक-झोंक होना या किसी बात पर दोनों पार्टनर्स का सहमत ना होना स्वाभाविक होता है। कई लोग इन चीजों को इतना गंभीर लेते हैं कि उनके लिए अपना रिश्ता बोझ या एकतरफा बनने लगता है। हम यहां आपको ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि रिश्तों में छोटा-मोटा झगड़ा होना चाहिए इसमें कुछ बुरा नहीं। ऐसी नोक-झोंक एक अच्छे रिश्ते के सकेंत होते हैं।
वक्त से साथ थोड़ा इश्क थोड़ा काम-अक्सर नए रिश्तों में देखा जाता है कि पहले खूब प्यार होता और वक्त के साथ ये प्यार कम होने लगता है और फिर शुरू होती है प्यार में जंग। ऐसे में आपको पार्टनर से सुनना पड़ता है कि ‘अब तुम पहले जैसे नहीं रहे या रही’ आप दलील देते हैं कि ‘काम बढ़ गया है’ ‘तुम बिजी रहती हो’ तमाम तरह की। कई बार इन बातों पर नोक-झोंक होती है ये नोक-झोंक जरूरी होती है क्योंकि रिश्ते के साथ जो जिम्मेदारी आती है। इसलिए जनाब थोड़ा इश्क कीजिए और थोड़ा काम।
घरवालों को लेकर- कई बार पार्टनर्स में अपनी फैमिली को लेकर नोक-झोंक होती है और लाजमी है दोनों ही अपनी-अपनी फैमिली को लेकर पजेसिव होते है। ये बातें केवल टांग खिचाई तक सीमित रहे तो अच्छा है। हालांकि इस बात का पूरा ध्यान रखें कि इसे एक सीमा के भीतर ही करें किसी के मन को चोट नहीं पहुंचनी चाहिए वरना रिश्ते में समस्या भी आ सकती है।
पर्सनल स्पेस को लेकर-जीवन में हर व्यक्ति को पर्सनल स्पेस की जरूरत होती है। फिर चाहे आपका पार्टनर ही क्यों ना हो लेकिन कई बार देखा जाता है कि आपका मन नहीं होता किसी से बात करने का फिर भी आपका पार्टनर बात करने की जिद्द करता है ताकी आपका मूड सही हो सके है और इस बीच आपका झगड़ा होना संभव भी है।
पैसे को लेकर-पैसे रिश्ते में बहुत जरूरी होता है। अगर आपका पार्टनर फिजूलखर्च कर रहा है तो उसे टोकना आपका फर्ज बनता है लेकिन कई बार जो चीजें आपको फिजूलखर्ची लगती हैं वे पार्टनर को जरूरी लगती है। ऐसे में नोक-झोंक होती है. लेकिन जिस नोक-झोंक से थोड़े पैसे बच जाएं वो जाहिरतौर पर एक अच्छे रिश्ते की निशानी है। लेकिन बेमतलब की रोक-टोक से भी बचे वरना रिश्ते में दरार आने में समय नहीं लेगेगा।
सामाजिक जीवन के लिए-कहने को तो अपने हमसफर में ही आप दुनिया देखते हैं लेकिन सामाजिक जीवन की अहमियत को नकारा नहीं जा सकता है। रिश्ते में दोनों को अपना-अपना सामाजिक जीवन जीने का अधिकार होना चाहिए। दोस्तों से मिलना, साथियों की पार्टी में जाने पर लड़ाई होना स्वाभाविक है। यह दिखाता है कि आप दोनों को एक दूसरे से प्यार है, और आप उसके प्यार को किसी दोस्त के साथ नहीं बंटने देना चाहते।
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