बच्चों की ऑनलाइन गेमिंग की लत से परेशान लोग, अब बनेंगे कड़े नियम

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बीजिंग: बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत को लेकर चीन भी परेशान है। इससे बच्चे पढ़ाई से तो दूर हो ही रहे हैं, उनकी सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए टेक दिग्गज टेंसेंट ने अपने चर्चित ऑनलाइन गेम्स के लिए कड़े नियम बनाने का फैसला किया है।

सितंबर मध्य से ये नए नियम लागू हो जाएंगे। इसके तहत यूजर को वास्तविक नाम से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। सरकारी डेटा से मिलान होने पर ही रजिस्ट्रेशन होगा। अगर यूजर की उम्र कम है तो रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा। रजिस्ट्रेशन के बाद यूजर की मॉनिटरिंग भी होगी। यानी वह तय समय सीमा से ज्यादा गेम नहीं खेल पाएंगे। सिस्टम उन्हें इसकी अनुमति नहीं देगा।

दुनिया में पहली बार गेमिंग में इस तरह की पहल हुई है। टेसेंट चीन के सोशल नेटवर्क वी-चैट (ट्विटर जैसा) को भी ऑपरेट करती है। 2005 के बाद पहली बार कंपनी को मुनाफे में नुकसान देखना पड़ा है। कंपनी का कहना है कि लाइसेंस नियमों में सख्ती के कारण ऐसा हुआ है। क्योंकि कंपनी इन्हीं से नए-नए मोबाइल गेम बनाकर पैसे कमाती हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा है कि नए सख्त नियमों से कम उम्र वाले प्लेयर्स की पहचान हो सकेगी। इससे उन्हें रोका जा सकेगा। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी बच्चों में गेमिंग की लत और उनकी आंखों में हो रही समस्याओं के बारे में कई बार कह चुके हैं। इसलिए भी कंपनियां कदम उठा रही हैं।

हाल ही में टेंसेंट द्वारा लांच किए गए गेम मॉन्स्टर हंटर वर्ल्ड को बाजार में आनेे के कुछ दिन बाद ही प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि इसकी वजह नहीं बताई गई है। वैसे, चीन सरकार समय-समय पर हिंसा दिखाने वाले, ड्रग्स सेवन और दुर्व्यवहार का समर्थन करने वाले गेम्स प्रतिबंधित करती रही है।

आलोचना होने पर कंपनी ने गेम खेलने का टाइम तय कर दिया था 
ऑनर ऑफ किंग, टेसेंट का सबसे ज्यादा पसंद किए जाना वाला गेम है। इसे लेकर बच्चों में गजब की दीवानगी है। चीन के ऐतिहासिक महत्व के पात्रों को लेकर इसे डिजाइन किया गया है। खास बात यह है कि इसे मोबाइल प्लेटफॉर्म पर भी खेला जा सकता है। इसलिए जिनके घर पर कंप्यूटर नहीं है, वे भी आसानी से इसे कहीं भी खेल सकते हैं। यह मुफ्त में डाउनलोड होता है। पिछले साल स्थानीय अखबार पीपुल्स डेली में इसकी खासी आलोचना हुई थी। तब कंपनी ने गेम खेलने के लिए 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए 1 घंटा और 13-18 साल के लिए दो घंटे समय सीमा तय कर दी थी।

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