एकबार फिर से रियलटी शो ‘कॉमेडी नाइट्स बचाओ’ विवादों में छा गया है। इसबार इस शो में एक जानी-मानी अभिनेत्री तनिष्ठा चटर्जी इसका शिकार हुई है। दरअसल तनिष्ठा शो में अपनी अपकमिंग फिल्म पार्च्ड के प्रमोशन के लिए आई और खुद अपने सांवले रंग का शिकार हो गई। हंसी मजाक के नाम पर अपने रंग की खिल्ली उड़ाये जाने पर एक टीवी कॉमेडी शो की सार्वजनिक निंदा करने वाली अभिनेत्री तनिष्ठा चटर्जी के समर्थन में अजय देवगन, नंदिता दास और हंसल मेहता जैसे कलाकार आये हैं। उधर चैनल ने इस संबंध में तनिष्ठा से माफी मांगी है।
खबर है कि तनिष्ठा फिल्म की निर्देशक लीना यादव और साथी अभिनेत्री राधिका आप्टे के साथ शो ‘कॉमेडी नाइट्स बचाओ’ में गयी थीं। 35 वर्षीया तनिष्ठा ने फेसबुक पर पोस्ट डाली और अपनी त्वचा के रंग की खिल्ली उड़ाये जाने पर नाराजगी प्रकट की।
उन्होंने लिखा, ‘मुझे एहसास हुआ कि मेरा मजाक उडाने के लिए केवल मेरी त्वचा का रंग ही एक खासियत थी। शुरुआत इस बात से हुई कि ‘आप को जामुन बहुत पसंद होगा जरुर। कितना जामुन खाया आपने बचपन से?’ और मजाक उसी दिशा में चलता रहा।’
35 वर्षीया अभिनेत्री लिखती हैं कि शुरु में उन्होंने इसे सहन करने का प्रयास किया, लेकिन एक मौके के बाद वह इन अपमानजनक लतीफों को बर्दाश्त नहीं कर पाईं। ‘मैं विश्वास नहीं कर सकती कि मैं देशभर में देखे जाने वाले एक टेलीविजन कार्यक्रम में बैठी थी और ऐसी बेहूदगी (मैं इसे मजाक नहीं कह सकती) और बेशर्म रंगभेदी जुमले झेल रही थी। हालांकि मुझे घुटन हो रही थी, लेकिन मैंने इसे एक मौका देने का फैसला किया और इसी तरह के एक और बेहूदा दौर को झेला।’ तनिष्ठा के फेसबुक पोस्ट पर शो के प्रसारणकर्ता चैनल कलर्स ने लिखा कि उसने हमेशा सामाजिक मुद्दों पर ध्यान दिया है और चैनल को इस बात का दुख है कि शो पर उनका अनुभव अच्छा नहीं था।
चैनल ने कहा, ‘हमारा इरादा यह कभी नहीं था और ना ही हमारा या शो के निर्माताओं की इस तरह का स्वभाव है कि लतीफों के साथ किसी को शर्मिंदा किया जाए। हमने क्रियेटिव टीम और प्रोडक्शन हाउस के साथ इसे गंभीरता से उठाया है ताकि यह सुनिश्चित हो कि चैनल की सोच की तर्ज पर शो बनाया जाए। अनजाने में यदि आपकी भावनाएं आहत हुई हैं तो उसके लिए हमारी ओर से क्षमा स्वीकार करें।’
तनिष्ठा ने इस पर जवाब दिया, ‘कलर्स टीवी आपके जवाब के लिए धन्यवाद। लेकिन यह मेरी बात नहीं है। यह व्यक्तिगत बात भी नहीं है। यह पूर्वाग्रहों की बात है।’ उधर फिल्म ‘पार्च्ड’ के निर्माता अजय देवगन ने कहा, ‘कोई तो हद होनी चाहिए। मैंने एपिसोड नहीं देखा। मुझे इस पर सही टिप्पणी के लिए देखना होगा. कई बार हंसी मजाक हद से पार हो जाता है।’
True women empowerment starts with women. So pick up your best friend and go to watch @ParchedTheFilm today. In a cinema near you! pic.twitter.com/ZX1KoRbJ5b
— Ajay Devgn (@ajaydevgn) September 23, 2016
उन्होंने कहा, ‘हम सभी हंसी मजाक करते हैं और अपना मजाक भी स्वीकार करते हैं। मजाक उडाने वाले को एक सीमा तय करनी चाहिए। मुझे लगता है कि सोच बदलनी होगी.’ पहले भी इस तरह के मुद्दों पर मुखर रहीं नंदिता ने ट्वीट किया, ‘सेक्सिस्ट, नस्लवादी और पिछडी सोच होना मजाक नहीं होता। इन दिनों पूर्वाग्रह सामने निकलकर आते ज्यादा दिखाई दे रहे हैं।’
हंसल मेहता ने इस संबंध में अपना एक अनुभव साझा किया और बताया, ‘1994 में मेरी पहली लघु फिल्म को एक टीवी चैनल ने खारिज कर दिया था। केवल इसलिए नहीं कि कहानी बहुत गहरी (डार्क) थी बल्कि इसलिए भी क्योंकि अभिनेता भी गहरे रंग वाले (डार्क) थे।’