क्या दिल्ली की नई सीएम के हैं आतंकी कनेक्शन? जानिए आतिशी पर क्यों लगा रहे हैं पार्टी के नेता आरोप

0
172

आतिशी मार्लेना दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। इस नाम की घोषणा के बाद जहां विपक्ष आरोप लगा रहा है वहीं आम आदमी पार्टी के नेता भी अब नए सीएम पर आरोप लगा रहे हैं। दरअसल, अतिशी के नाम की घोषणा होने के बाद अलग-अलग नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरु हुई।

आतिशी पर उनकी ही पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने निशाना साधा है और कहा है कि दिल्ली के लिए आज बहुत दुखद दिन है। भगवान दिल्ली की रक्षा करें!

स्वाति ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘दिल्ली के लिए आज बहुत दुखद दिन है। आज दिल्ली की मुख्यमंत्री एक ऐसी महिला को बनाया जा रहा है जिनके परिवार ने आतंकवादी अफजल गुरू को फांसी से बचाने की लंबी लड़ाई लड़ी। उनके माता पिता ने आतंकी अफजल गुरू को बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को दया याचिकाएं लिखीं।’

स्वाति ने कहा, ‘उनके हिसाब से अफजल गुरू निर्दोष था और उसको राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया था। वैसे तो आतिशी मार्लेना सिर्फ ‘Dummy CM’ हैं, फिर भी ये मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। भगवान दिल्ली की रक्षा करें!’

ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के लिए कांग्रेस के मेनिफेस्टो में किसके लिए क्या, आसान भाषा में समझिए

स्वाति मालीवाल का पार्टी नेता ने लगाया आरोप
आम आदमी पार्टी विधायक दिलीप पांडे ने कहा, ‘स्वाति मालीवाल ऐसी महिला हैं जो राज्यसभा में जाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) से टिकट लेती हैं लेकिन अपने बयानों के लिए भाजपा की स्क्रिप्ट का इस्तेमाल करती हैं। अगर उनमें थोड़ी भी शर्म या हया है तो उन्हें अपनी राज्यसभा सीट से इस्तीफा दे देना चाहिए और आप का टिकट भी छोड़ देना चाहिए। अगर उन्हें राज्यसभा में बने रहना है तो उन्हें भाजपा से टिकट मांगना चाहिए।’

ये भी पढ़ें: Railway Job 2024: रेलवे में 11,558 पदों पर भर्ती, सैलरी 35 हजार रुपये तक, जल्द करें आवेदन

आपको बता दें, विधायक दल की बैठक से पहले ही 2 नाम सीएम पद की रेस में थे। जिसमें पहला नाम आतिशी और दूसरा नाम कैलाश गहलोत का था। बैठक से पहले ही आप नेता सौरभ भारद्वाज ने बड़ा बयान देते हुए साफ कर दिया था कि केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता को सीएम नहीं बनाएंगे। उन्होंने कहा था कि सुनीता केजरीवाल सीएम बनने की इच्छुक नहीं हैं।

क्यों दे रहे हैं केजरीवाल इस्तीफा
दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल 177 दिन बाद जेल से जमानत पर बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि वो CM ऑफिस नहीं जाएंगे और न ही किसी फाइल पर साइन करेंगे। यानी जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं रहा। सरकार कैबिनेट भरोसे चलेगी।

लेटेस्ट खबरों के लिए व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े, यहां लिंक पर क्लिक करें…

क्यों बनीं अतिशी मुख्यमंत्री पद की दावेदार
आतिशी के पास शिक्षा, वित्त, राजस्व, कानून समेत सबसे ज्यादा विभाग हैं। हाल ही में सीएम ने उन्हें अपनी जगह स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के लिए नामित किया था। हालाँकि, इसे अस्वीकार कर दिया गया और एलजी ने ऐसा करने के लिए गहलोत को नामित किया। आप के सूत्रों का कहना है कि “आतिशी के अधिकारियों के साथ अच्छे संबंध हैं और वह जानती हैं कि काम कैसे करवाना है। इसी तरह, गहलोत, जिनके पास परिवहन, गृह और डब्ल्यूसीडी विभाग हैं, पार्टी के काम और बैठकों में सक्रिय हैं। नौकरशाहों के साथ झगड़े के बावजूद भी वह अपने विभागों में काम करते हैं।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।