उड़ीसा: सुप्रीम कोर्ट पुरी ने 23 जून को होने वाली रथयात्रा (Jagannath Puri Rath Yatra 2020) की सशर्त अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले कोरोना वायरस को देखते हुए पुरी की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा पर रोक लगाने का आदेश दिया था। जिसके बाद केंद्र सरकार ने उनके फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कई पहलुओं पर चर्चा की। इस दौरान कोर्ट ने सशर्त रथ यात्रा की अनुमति दे दी है।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा और हेल्थ का पूरा खयाल रखा जाएगा। पूरे उड़ीसा में नहीं बल्कि पूरी में रथयात्रा की इजाजत दी जाए। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हम शंकराचार्य से मशविरा की बात कर रहे हैं वह सर्वोच्च धार्मिक गुरु हैं।
सोमवार सुबह जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तो केंद्र सरकार ने जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच के सामने मामला उठाया और स़ॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि धार्मिक रीतियों को पूरा करने की इजाजत दी जाए। भीड़ नहीं होगी और पूरी सावधानी रखी जाएगी। उड़ीसा सरकार ने भी याचिकाकर्ता की अपील का समर्थन किया। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया कि 18 जून के आदेश में बदलाव किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले नहीं दी थी इजाजत
18 जून के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने पूरी की रथयात्रा को कोरोना महामारी के मद्देनजर इजाजत नहीं दी थी और 23 जून से होने वाली रथयात्रा पर रोक लगा दी थी जिसके बाद आदेश में बदलाव के लिए सुप्रीम कोर्ट में उड़ीसा विकास समिती की ओर से अर्जी दाखिल की गई थी। इस अर्जी का उड़ीसा सरकार और केंद्र सरकार ने समर्थन किया है। जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि मामले में चूंकि चीफ जस्टिस की बेंच ने आदेश पारित किया था इसलिए इस मामले में उनके सामने भेजा जाता है। इसके बाद मामला चीफ जस्टिस के सामने भेजा गया।