सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कश्मीर मामला संवेदनशील, सरकार को वक्त मिले

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में धारा 144 हटाने की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार करते हुए कहा कि सरकार को अभी वक्त देना चाहिए इसकी मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने में कितना समय लगेगा?

जिसके जवाब में केंद्र ने कहा कि पूरा प्रयास कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए है और केंद्र दिन-प्रतिदिन हालात की समीक्षा कर रहा है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2016 में घाटी में हालात सामान्य होने में तीन महीने लग गए और 47 से अधिक लोग मारे गए थे, लेकिन इस बार एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई है। हम कोर्ट को यह आश्वासन देते हैं कि कुछ ही दिनों में घाटी में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने बेहद गलत ढंग से याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को नहीं पता कि कश्मीर क्या हो रहा है। सरकार पर विश्वास करना होगा। यह मामला बेहद संवेदनशील है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे पास वास्तविक तस्वीर होनी चाहिए, कुछ समय के लिए यह मामला रुकना नहीं चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले की सुनवाई 2 सप्ताह बाद की जाएगी।

याचिकाकर्ता की वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि मूलभूत सुविधाओं को बहाल किया जाना चाहिए। कम से कम अस्पतालों में संचार सेवा को बहाल किया जाना चाहिए। इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि स्थिति संवेदनशील है। हम मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने पर काम कर रहे हैं।

गौरतलब है कि घाटी में अभी भी मोबाइल फोन, मोबाइल इंटरनेट और टीवी-केबिल पर रोक लगी हुई है। हालांकि, जम्मू में धारा 144 को पूरी तरह से हटा दिया गया है और कुछ क्षेत्रों में फोन की सुविधा चालू की गई है। अभी सिर्फ मोबाइल कॉलिंग की सुविधा ही शुरू की गई है।

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