स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन, प्रतिमा देगी हजारों लोगों को रोजगार, जानिए कैसे?

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गुजरात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गुजरात के केवड़िया, नर्मदा में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जंयती पर दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया। इस मौके पर एक बड़ी जनसभा का भी आयोजन किया था। जिसमें पीएम मोदी ने उन लोगों की जमकर आलोचना कि जिन्होंने ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ बनाने पर सवाल खड़े किए थे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कई बार मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है।’  आगे कहा कि आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा।
प्रतिमा देगी लोगों को रोजगार-
पीएम मोदी ने कहा, सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हजारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोजगार मिलने वाला है। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए सरदार साहब प्रतिपल समर्पित रहे।

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किसने बनाई दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति-

सरदार पटेल की प्रतिमा निर्माण के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान अवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है।

विपक्ष ने की आलोचना-
आपको बता दें सरदार पटेल की इस प्रतिमा की गुजरात में लगे पोस्टरों को काला किया। ये ही नहीं विपक्ष ने जमकर हमला बोला, कि जितना पैसा इस मूर्ति को बनाने में लगा है उतना गरीबी को दूर करने में लगता तो अच्छा होता। वहीं ठाकरे सरकार ने अपने अखबार में कार्टून बनाकर सरकार की आलोचना की।

क्या खास बात-
सरदार पटेल की इस मूर्ति की ऊंचाई 182 मीटर है और यह इतनी बड़ी है कि इसे 7 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता है। ऊंचाई में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ अमेरिका के ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ (93 मीटर) से दोगुनी है। इस मूर्ति में दो लिफ्ट भी लगी हैं, जिनके माध्यम से आप सरदार पटेल की छाती तक पहुंचेंगे और वहां से आप सरदार सरोवर बांध का नजारा देख सकेंगे और खूबसूरत वादियों का मजा ले सकेंगे।

सरदार की मूर्ति तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए पुल और बोट की व्यवस्था भी है। यह स्टैच्यू 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा में भी स्थिर खड़ा रहेगा। यह 6.5 तीव्रता के भूकंप को भी सह सकता है। बता दें कि इसके लिए मूर्ति के 3 किलोमीटर की दूरी पर एक टेंट सिटी भी बनाई गई है। जो 52 कमरों का श्रेष्ठ भारत भवन 3 स्टार होटल है। जहां आप रात भर रुक भी सकते हैं। वहीं स्टैच्यू के नीचे एक म्यूजियम भी तैयार किया गया है, जहां पर सरदार पटेल की स्मृति से जुड़ी कई चीजें रखी जाएंगी।

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