इस बच्चे ने खूनी खेल ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ पर पायी जीत, जानिए इसकी बहादुरी की कहानी

0
1070

दिल्ली: ब्लू व्हेल चैलेंज’ एक जानलेवा गेम है खासतौर से उन लोगों के लिए जो मानसिक तौर पर कमजोर है और भावुक है। ये गेम इसी तरह के बच्चों को अपना शिकार बनाता है। राजस्थान से लेकर मुम्बई तक ऐसा कोई नहीं जो इस गेम से बच पाया हो। हालांकि ऐसे बच्चे है जिन्हें सुसाइट पॉइन्ट्स से बचाया जा चुका लेकिन ये भी उनकी किस्मत ही थी।

ऐसा कारनामा कर दिखाया है बरेली के 17 वर्षीय शुभम ने। शुभम ने मौत के इस खेल का चक्रव्यूह तोड़ डाला है। अपनी हिम्मत के दम पर शुभम ने इस खूनी खेल को बीच में ही छोड़ दिया। शुभम का कहना है कि खेल को कुछ इस तरह गढ़ा गया है कि वह खेलने वाले के दिमाग पर हावी हो जाता है। हालांकि, यह सिर्फ भ्रम और दबाव पर टिका है। मजबूत इच्छा शक्ति और मानसिक दृढ़ता से यह खेल आसानी से छोड़ा जा सकता है।

‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ से पीछा छुड़ाने वाले शुभम ने इस बारे में दैनिक जागरण से खास बातचीत की। उन्होंने सिलसिलेवार ढंग से बताया कि कैसे उन्हें टास्क मिलते थे और कैसे उन्होंने इस खूनी खेल से पीछा छुड़ाया।

टॉस्क 01 : शुभम ने बताया कि उन्होंने ब्लू व्हेल चैलेंज खेलने के लिए डाउनलोड किया और चार अगस्त को पहला टास्क ‘0079046583964’ मोबाइल नंबर से मैसेज के जरिए मिला। इसमें कलाई पर अच्छे दोस्त को गाली लिखकर 24 घंटे खुली बांह कर टहलना था। टास्क पूरा होने पर पांच अगस्त को शुभकामना का मैसेज आया।

टॉस्क 02 : दूसरा टास्क छह अगस्त को मिला। इसमें सुबह 4.20 बजे हॉरर मूवी ‘हॉन्टेड इन कनेक्टिकट’ ऑनलाइन दिखाई और वीडियो कॉलिंग के जरिए शुभम के चेहरे पर आने वाले भावों पर नजर रखी गई। टास्क पूरा होने पर सात अगस्त को शुभकामना मैसेज मिला।

shubham-blue-whale-challenge

टॉस्क 03 : आठ अगस्त को तीसरा टास्क बांह पर व्हेल की टेल की आकृति ब्लेड से काट कर बनाने का मिला। शर्त यह रखी कि लाइव मूवमेंट के जरिए इसे दिखाना होगा। इस पर शुभम ने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। दोपहर 12 बजे के करीब मोबाइल ऑन किया तो उकसाते हुए ‘यू कैन डन’ के मैसेज आने लगे। नहीं किया तो परिवार और दोस्तों के प्रति भड़काया और ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ को हमदर्द बताते हुए मैसेज भेजे गए। इन्कार करने पर परिवार को बर्बाद करने की धमकियां भी दी गईं। इससे शुभम डिप्रेशन में आ गया।

टॉस्क पूरा न करने पर दी धमकी

‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ गेम में मिले टास्क को पूरा न करने पर शुभम और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई। कहा गया कि भारत में भी हमारे लोग हैं, जो पूरे परिवार को मार देंगे, इसलिए गेम आगे खेलो। लेकिन शुभम आगे नहीं खेला और मौत के कुएं से आजाद हो गया।

इस गेम को खेलने के बाद साइन आउट नहीं किया जा सकता। शुभम ने अनइंस्टाल कर दिया, तो मोजिला पर जो भी सर्च करता उसकी जगह ब्लू व्हेल चैलेंज ही आता। इसके बाद एक नंबर से मैसेज आया, जिसे ट्रू-कॉलर पर सर्च किया तो पता चला कि पहला अक्षर सात रूस का कोड है। इसके बाद 15 अगस्त की रात को मोबाइल री-सेट कर दिया। इसके बाद कोई मैसेज नहीं आया।

डर के आगे जीत है

ब्लू व्हेल चैलेंज को हराने वाले शुभम का कहना कि जो भी लोग इसे खेल रहे हैं। वह डरें नहीं, बल्कि दोस्तों और माता-पिता को बताएं। एडमिनिस्ट्रेटर सिर्फ टॉर्चर कर सकता है। इसके अतिरिक्त कुछ नहीं कर सकता। जो लोग डर जाते हैं। वही अपनी जिंदगी के लिए खतरा बनते हैं।

अपनी रूचि के अनुसार खबरें पढ़ने के लिए Panchdoot के Homepage पर विजिट करें।

ये भी पढ़ें:

रूचि के अनुसार खबरें पढ़ने के लिए यहां किल्क कीजिए

(खबर कैसी लगी बताएं जरूर। आप हमें फेसबुकट्विटर और यूट्यूब पर फॉलो भी करें)