हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बुधवार को मस्जिद का अवैध निर्माण (shimla mosque) गिराने की मांग को लेकर हिंदू संगठन देवभूमि में प्रदर्शन जारी है। हिंसक होते प्रदर्शन पर सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया। पुलिस की लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। वहीं कई सिपाही के घायल होने की खबर भी है।
संजौली में प्रदर्शन उग्र हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के सुरक्षा घेरे को तोड़ दिया है। शिमला के संजौली क्षेत्र में कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में जिला प्रशासन ने संजौली में धारा 163 लागू कर दी है। इसके लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है।
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क्या है शिमला मस्जिद विवाद
संजौली में मस्जिद का निर्माण 1947 से पहले हुआ था। तब मस्जिद की बिल्डिंग कच्ची थी। 2010 में पक्की बिल्डिंग बनाने का काम शुरू हुआ। 2010 में नगर निगम के पास अवैध निर्माण की शिकायत पहुंची। इसे लेकर 2010 से कमिश्नर कोर्ट में केस चल रहा है। इसके बाद 2024 तक यहां 5 मंजिल का निर्माण हो गया। नगर निगम अब तक 35 बार अवैध निर्माण रोकने के आदेश जारी कर चुका है। 2023 में निगम ने मस्जिद के शौचालय तुड़वा दिए थे।
Communal tension in Shimla as right wing groups protest against an alleged illegal mosque. Massive test for Sukhu government that claimed to be champion of secular politics. pic.twitter.com/iITd73QDpS
— Amil Bhatnagar (@AmilwithanL) September 11, 2024
क्या मस्जिद के खिलाफ है प्रदर्शन
मस्जिद में हुए अवैध निर्माण कार्य के खिलाफ शिमला में बड़ी संख्या लोग सड़कों पर हैं। लोगों को कहना है कि वह इस धार्मिक स्थल के खिलाफ नहीं बल्कि इसके अंदर जो अवैध निर्माण हुआ है वो उसका विरोध कर रहे हैं। मस्जिद की आड़ में मदरसा चलाने का है आरोप। प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना है कि उन्हें शक है कि इस मस्जिद के अंदर मदरसा चलाया जा रहा है और इस मदरसे में यूपी के अलग-अलग शहरों से मौलाना तालिम देने आ रहे हैं। वहीं, मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है।AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा है. ओवैसी कांग्रेस की ‘मोहब्बत की दुकान’पर सवाल उठा रहे हैं।
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क्या कहना है मस्जिद के इमाम का
मस्जिद के इमाम शहजाद ने कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा।
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अचानक क्यों बढ़ा विवाद
कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि संजौली में मस्जिद के पास 31 अगस्त की शाम को समुदाय विशेष के लोगों ने एक स्थानीय व्यक्ति के साथ मारपीट की थी। शिकायत के बाद पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मारपीट के बाद यह मामला तूल पकड़ने लगा। अब हिंदू संगठन और कई स्थानीय लोग इस मस्जिद को गिराने की मांग पर अड़ गए हैं।
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