उत्तर प्रदेश के संभल (jama masjid sambhal) में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा में 4 युवकों की मौत हो गई। इसके अलावा एक और मौत होने की बात सामने आई, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उपद्रवियों के पथराव में एसडीएम, सीओ, एसपी के पीआरओ समेत 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए। 400 से ज्यादा लोगों पर FIR की गई है। इधर, मृतकों के परिजनों का दावा है कि पुलिस की गोली से मौत हुई है। हालांकि कमिश्नर ने कहा, ‘पुलिस फायरिंग में कोई मौत नहीं है। हमलावरों की फायरिंग में युवकों की जान गई है।’
संभल में जहां हिंसा हुई थी, वहां ज्यादातर लोग घर छोड़कर दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं। इलाके में ज्यादातर घरों में ताले लटके हुए हैं। गलियों में सिर्फ पुलिस फोर्स है। हिंसा के बाद 24 घंटे के लिए संभल तहसील में इंटरनेट बंद कर दिया गया। सभी स्कूल आज बंद रहेंगे। डीएम राजेंद्र पैंसिया ने एक दिसंबर तक संभल जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। पूरे शहर में अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, ‘आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। रासुका लगाया जाएगा’
कैसे बेकाबू हुई भीड़
रविवार सुबह 6:30 बजे डीएम-एसपी के साथ एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम को देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में करीब दो से तीन हजार लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद भगदड़ जैसे हालात हो गए। छतों से भी पथराव शुरू हो गया, पुलिस को भागना पड़ा।
पुलिस की ओर से रबर बुलेट, आंसू गैस के गोले छोड़ने पर भी हालत काबू में नहीं आए तब पुलिस ने भी फायरिंग की। पथराव व फायरिंग में तीन युवकों की शाम तक मौत हो गई। इनके नाम नईम, बिलाल और मुहम्मद कैफ हैं। अयान की मुरादाबाद की तीर्थंकर महावीर मेडिकल कालेज में देर रात मृत्यु हो गई। जामा मस्जिद से शुरू हुआ विवाद मुस्लिम बहुल क्षेत्र नखासा तक पहुंच गया।
जब वहां शाही जामा मस्जिद है तो उसके नीचे मंदिर क्यों ढूंढना? संभल को सांप्रदायिक आग में झोंक देने का षड्यंत्र है। जो कामयाब होता जा रहा है। pic.twitter.com/qvr9Je7P2y
— Mr Sinha Commentary (@Mr_Chhinra) November 24, 2024
राहुल गांधी की घटना पर प्रतिक्रिया
राहुल ने X पर लिखा- संभल पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाजी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया। कई लोगों की मृत्यु का कारण बना- जिसकी सीधी जिम्मेदार भाजपा सरकार है।
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भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना न प्रदेश के हित में है, न देश के। मैं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध करता हूं। हमें सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफरत नहीं, एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े।
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