सफीना हुसैन बनी शिक्षा के क्षेत्र में WISE प्राइज जीतने वाली पहली भारतीय महिला

एजुकेट गर्ल्स भारत में एक गैर-लाभकारी संगठन है , जिसकी स्थापना 2007 में सफीना हुसैन ने की थी , जो समुदायों को एकजुट करके भारत के ग्रामीण और शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा की दिशा में काम करती है।

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2023 WISE Prize for Education: WISE प्राइज 2023 की घोषणा हो चुकी है। यह अवॉर्ड एजकुेट गर्ल्स की संस्थापिका सफीना हुसैन को मिला है। सफीना को यह अवॉर्ड शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए दिया गया। इसी के साथ सफीना हुसैन इंटरनेशनल WISE अवॉर्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई है।

हाल में आयोजित हुए कतर में वर्ल्ड इनोवेशन समिट फॉर एजुकेशन के 11वां सस्ंकरण, में सफीना हुसैन को वाइस अवॉर्ड 2023 से सम्मानित किया गया। ये पहला मौका है जब किसी भारतीय को शिक्षा के क्षेत्र में WISE अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।

इस प्राइज से सम्मानित होने पर सफीना ने कहा, “मैं पुरुस्कार पाकर प्रेरित महसूस कर रही हूं। यह हमारी सामूहिक जीत है। बालिकाओं की शिक्षा के लिए सरकार से लेकर स्थानीय समुदाय, समर्पित जेंडर चपिैंपियन और हमारे मूल्यवान समर्थक एक साथ काम कर रहे हैं। बालिका शिक्षा दुनिया की सबसे प्रभावी और परिवर्तनर्तकारी शक्ति है जिसके माध्यम से जटिल समस्याओं को हल किया जा सकता है। आगे उन्होंने कहा, हमारी टीम का लक्ष्य आने वाले 10 सालों में 1 करोड़ से ज्यादा बालिकाओं को शिक्षित करने के साथ उनका कौशल और रोजगार के अवसरों से जोड़ा है।

सफीना हुसैन पिछले कई सालों से भारत के कई राज्यों में बालिका शिक्षा पर काम कर रही हैं। सफीना हुसैन को इससे पहले भी लड़कियों की शिक्षा पर काम के लिए उन्हें वैश्विक प्रशंसा मिली है, जिसमें यूएसएआईडी मिलेनियम एलायंस अवॉर्ड, एमआईटी सॉल्व्स लर्निंग फॉर गर्ल्स एंड वुमेन चैलेंज, सोशल एंटरप्रेन्योरशिप के लिए स्कोल अवॉर्ड, डब्ल्यूआईएसई अवॉर्ड और वर्ल्ड बैंक इंडिया डेवलपमेंट मार्केटप्लेस अवॉर्ड आदि शामिल हैं।

क्या है एजकुेट गर्ल्स?
जैसा कि नाम में इसका मतलब है। बालिका शिक्षा। एजुकेट गर्ल्स भारत में एक गैर-लाभकारी संगठन है , जिसकी स्थापना 2007 में सफीना हुसैन ने की थी , जो समुदायों को एकजुट करके भारत के ग्रामीण और शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा की दिशा में काम करती है। इसकी पहली शुरुआत राजस्थान के पाली जिले से हुई थी। इसके बाद आज एजुकेट गर्ल्स भारत के कई राज्य जैसे-उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश बिहार और राजस्थान में काम कर रहा है। एक अनुमान के मुताबिक अबतक एजुकेट गर्ल्स लगभग 19 लाख से अधिक बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ चुकी है।

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