दिल्ली: सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन (OROP) के मामले पर प्रदर्शन कर रहे पूर्व फौजी रामकिशन ग्रेवाल की आत्महत्या के मामले में सियासत तेज हो गई है। पोस्टमार्टम के बाद पूर्व फौजी का शव बुधवार देर रात उनके पैतृक गांव बामला लाया गया है। खबर है कि अंतिम संस्कार में राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल भी मौजूद रहेंगे। उधर, देर रात दिल्ली पुलिस से रिहा हुए अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि वन रैंक वन पर पीएम मोदी ने झूठ बोला है और उन्हें सैनिकों से माफी मांगनी चाहिए।
परिवार को सांत्वना देने घर पहुंचे नेता
देर रात जब पूर्व सैनिक का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा, तो रोहतक (हरियाणा) के सांसद और कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान उनके घर पहुंचे और पूर्व सैनिक के परिवार को सांत्वना दी। गुरुवार को टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी पूर्व सैनिक के घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की है। रामकिशन ग्रेवाल की आत्महत्या पर सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने भी शोक जाहिर किया है।
राहुल को दो बार लिया हिरासत में
राहुल गांधी को दो बार हिरासत में लिया गया और आखिरकार देर शाम जब पुलिस ने राहुल गांधी को छोड़ा, तो उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने ओआरओपी पर सैनिकों से वादा पूरा नहीं किया। राहुल ने कहा कि शहीद के परिवार वाले उनके मिलना चाहते थे, लेकिन केंद्र सरकार के इशारे पर उन्हें मिलने नहीं दिया गया। कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी को हिरासत में लेने को इमरजेंसी करार दिया। राहुल गांधी ने कहा कि वे बस सरकार से पूछना चाह रहे थे कि शहीद के परिवारवालों को क्यों हिरासत में लिया गया है?
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जहर खाकर की खुदकुशी
गौरतलब है कि बुधवार सुबह राजधानी दिल्ली में वन रैंक-वन पेंशन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एक पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। रामकिशन हरियाणा के रहने वाले थे। पुलिस के मुताबिक, वह वन रैंक-वन पेंशन मुद्दे पर सरकार के फैसले से असहमत थे। जिसकी वजह से वह अपने कुछ साथियों के साथ सोमवार से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे।
सुसाइड नोट में वन रैंक वन पेंशन का जिक्र
रामकिशन ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था। रामकिशन ग्रेवाल ने नोट में लिखा कि, ‘मैं अपने देश, मातृभूमि और जवानों के लिए अपने प्राण न्योछावर कर रहा हूँ।’ वहीं रामकिशन के छोटे बेटे ने बताया कि उसके पिता ने खुद इस बात की सूचना उसे फोन पर दी थी।
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पर्रिकर से मिलने वाले थे रामकिशन
परिजनों की माने तो मंगलवार दोपहर रामकिशन अपने साथियों के साथ अपनी मांगों को लेकर रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से मिलने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही रामकिशन ने जहर खा लिया. आनन-फानन में रामकिशन को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।