जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) विधानसभा में ऑनर किलिंग बिल-2019 (Honour Killing Bill 2019) के पास होने के बाद राजस्थान पुलिस इस कानून का बढ़-चढ़कर प्रचार कर रही है। दरअसल, राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है। जिसमें लिखा है अब मुगल ए आजम का जमाना गया।
अब प्यार करना काेई गुनाह नहीं है। अगर प्यार करने वालाें काे काेई शारीरिक नुकसान पहुंचाता है ताे उसे आजीवन कारावास तक हाे सकता है। इसके अलावा 5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लग सकता है। आखिरी पंक्ति में दिल का इमोजी लगाकर लिखा है…क्याेंकि प्यार करना काेई गुनाह नहीं है।
सोशल मीडिया पर राजस्थान पुलिस के इस काम को काफी सराहना मिल रही है। इस पोस्ट खूब शेयर किया जा रहा है। ऑनर किलिंग बिल पास होते ही राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां प्यार करना गुनाह नहीं है, बल्कि ऐसे प्रेमी युगलाें की सुरक्षा पुलिस करेगी।
बता दें, बीते सोमवार राजस्थान विधानसभा ने दो बिल पास किए थे। जिसमें एक मॉब लिचिंग से संबंधित था तो दूसरा ऑनर किलिंग से। प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा के लिए लाए गए विधेयक को ‘राजस्थान सम्मान और परंपरा के नाम पर वैवाहिक संबंधो की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप का प्रतिषेध विधेयक 2019’ का नाम दिया गया है। 30 जुलाई को इन दोनों विधेयकों को सदन में पेश किया गया था।
सावधान!🚨~मुग़ल-ए-आज़म का जमाना गया!
आपने यदि किसी प्रेमी युगल को शारीरिक आघात पहुँचाने की कोशिश की, तो राजस्थान सरकार के #HonourKilling Bill 2019 के अनुसार आपको आजीवन कैद से मृत्यु दंड⚰ तक की सजा और ₹5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
~क्योंकि प्यार करना कोई गुनाह नहीं। ♥ pic.twitter.com/fVlaOq4ASp
— Rajasthan Police (@PoliceRajasthan) August 8, 2019
इन दोनों विधेयकों के कानून का रूप लेने के बाद राज्य सरकार जहां प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा दे सकेगी। वहीं, लिंचिंग से जुड़े अपराधों की रोकथाम के लिए भी कारगर और सख्त कदम उठा सकेगी।
लिंचिंग मामले में होगी 3 साल की सजा
- नए विधेयक में धर्म, जाति, भाषा, राजनीतिक विचारधारा, समुदाय और जन्म स्थान के नाम पर भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा को माॅब लिंचिंग माना है। इसमें दो या दो से ज्यादा व्यक्ति को मॉब की परिभाषा में शामिल किया गया है।
- लिंचिंग की घटना में पीड़ित की मृत्यु हो जाने पर दोषियों को आजीवन कठोर कारावास के साथ 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। वहीं, गंभीर रूप से घायल होने पर 10 साल तक का कठोर कारावास और 3 लाख रुपए तक का जुर्माना। मारपीट पर 7 साल के कठोर कारावास व एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान।
- यदि कोई व्यक्ति समाज में घृणा बढ़ाने वाले संदेश इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भी प्रसारित करता है तो ऐसे मामले में भी 5 साल तक का कारावास भुगतना पड़ेगा और एक लाख रुपए का जुर्माना भी देना होगा।
- इंस्पेक्टर रैंक का अफसर ही लिंचिंग से जुड़े मामलों की जांच करेगा। आईजी रैंक व जिलों में डीएसपी रैंक का अफसर मॉनिटरिंग करेगा।
- तुरंत सुनवाई के लिए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सलाह पर विशेष न्यायाधीश नियुक्त कर सकेंगे। सेशन स्तर के न्यायाधीश ही ऐसे मामलों की सुनवाई कर सकेंगे।
- बिल में प्रावधान किया है कि पीड़ित को राजस्थान विक्टिम कंपसेशन स्कीम के तहत सहायता दी जाएगी और दोषियों से जो जुर्माना वसूला जाएगा उसे पीड़ित को दिया जाएगा।
ऑनर किलिंग में 5 साल जेल की सजा
- जाति, समुदाय, परिवार के नाम पर वैवाहिक युगल में से किसी को भी जान से मारने पर आरोपियों को फांसी या आजीवन कारावास की सजा दी जा सकेगी। ऐसे मामले गैरजमानती होंगे। पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगेगा।
- वैवाहिक जोड़े पर प्राणघातक हमला करने वालों को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान। यदि हमला प्राणघातक नहीं है तब भी आरोपितों को 3 साल से 5 साल तक का कठोर कारावास।
- जो व्यक्ति षड्यंत्र में शामिल हाेगा, उसके लिए भी सजा के यही प्रावधान हाेंगे।
- शादी से राेके जाने पर पीड़ित युगल वे एसडीएम और डीएम के यहां अपील कर सकेंगे। इसमें एसडीएम और मजिस्ट्रेट संबंधित व्यक्तियों को पाबंद कर सकेंगे। जो भी मामले दर्ज होंगे उनका ट्रायल सेशन कोर्ट में होगा।