जयपुर: राजस्थान में सरकार गिराने की साजिश को लेकर मची सियासी उठापटक के बीच तीन दिन से चुप्पी साधे बैठे डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने रविवार को बगावती तेवर दिखाकर चौंका दिया। वे बोले- मेरे साथ 30 कांग्रेस विधायकों का समर्थन है। गहलोत सरकार अब अल्पमत में आ गई है।
इन तेवरों के साथ पायलट भी मध्यप्रदेश के ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह पर चलते दिखे। चर्चा रही कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि पायलट ने अब तक न तो कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है और न ही कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाला है। ऐसे में संशय बरकरार रहा कि क्या वे भाजपा में शामिल होंगे? नई पार्टी बनाएंगे या कांग्रेस में ही रहेंगे?
इस बीच दावा किया गया कि पायलट समर्थक विधायक सोमवार को इस्तीफा देंगे। उधर, बैकफुट पर आई कांग्रेस अब पायलट को मनाने में जुट गई है। कांग्रेस ने यह दावा भी किया कि गहलोत सरकार को कोई खतरा नहीं है, कांग्रेसी एकजुट है और पूरा बहुमत है। सीएम अशोक गहलोत ने विधायकों की परेड के लिए सोमवार सुबह 10:30 बजे बैठक भी बुलाई है।
बता दें कि पायलट का बयान आने से पहले उनके सहित 15-20 असंतुष्ट विधायक दूसरे दिन भी दिल्ली में जमे रहे। चर्चा रही कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सिंधिया व पायलट की मुलाकात हुई है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई। इस बीच कांग्रेस आलाकमान ने मामले के पटाक्षेप के लिए तीन सदस्यीय टीम भी भेज दी थी।
जयपुर से दिल्ली तक दिनभर बैठकें, रात को सीएम का विधायकों को डिनर
राजस्थान के सियासी घटनाक्रम काे लेकर रविवार सुबह से देर रात तक जयपुर से दिल्ली तक बैठकाें, मान-मनुहार और सियासी रणनीतियों के दाैर चलते रहे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिनभर अपने आवास पर विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक करते रहे। पायलट के बगावती सुर सामने आने के बाद रात करीब 9 बजे सीएम ने सभी मंत्रियों और विधायकों को मुख्यमंत्री निवास में खाने पर बुलाया। डिनर के दौरान सीएम ने विधायकों से लगातार बातचीत की और बाद में मंत्रियों की अलग से बैठक भी बुलाई। कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। करीब 115 विधायक इस भोज में शामिल हुए हैं।
ईडी की छापेमारी-
राजस्थान में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों पर आयकर विभाग का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। आयकर विभाग के 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिल्ली और राजस्थान के कई जगहों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ और राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर की गई है। सीएम अशोक गहलोत के करीबी और ज्वैलरी फर्म के मालिक राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर सोमवार सुबह आयकर विभाग की टीम पहुंची। उनके घर और दफ्तरों पर छापेमारी चल रही है। खास बात है कि इस छापेमारी की सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई थी। आयकर विभाग की टीम केंद्रीय रिजर्व पुलिस के साथ छापेमारी को अंजाम दे रही है।
अगर पायलट साथ छोड़ गए तो सरकार बचेगी या जाएगी?
पायलट का दावा है कि उनके संपर्क में 30 से ज्यादा विधायक हैं। इसे सही मानें तो गहलोत सरकार अल्पमत में आ जाएगी। कांग्रेस के 107 में से 30 विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 170 रह जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए 86 विधायकों की जरूरत होगी। 30 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास अपने 77 विधायक बचेंगे। एक आरएलडी विधायक पहले से उसके साथ है। कांग्रेस की कुल संख्या 78 होगी यानी बहुमत से 8 कम। उधर, आरएलपी के 3 विधायक मिलाकर भाजपा के कुल 75 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए भाजपा को निर्दलीय तोड़ने होंगे। प्रदेश में 13 निर्दलीय विधायकों में 10 फिलहाल कांग्रेस समर्थित हैं। जबकि तीन भाजपा के संपर्क में हैं। यदि इन 10 निर्दलीय विधायकों में से भाजपा 8 अपने पक्ष में कर ले तो वह सरकार बना सकती है।
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