जयपुर: राजस्थान में दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान एक नारा बेहद लोकप्रिय हुआ था-मोदीजी से बैर नहीं, वसुंधरा की खैर नहीं। यह नारा बीजेपी के लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन में साफतौर से सार्थक होता दिख रहा है। वहीं हैरानी की बात ये है कि अभी कुछ महीनेभर पहले हुए राज्य में विधानसभा चुनावों में काग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला था और दूसरी तरफ अब लोकसभा चुनाव के नतीजे। सवाल उठता है आखिर राज्य की जनता की मूड क्या है, क्या कांग्रेस ने कहीं चूक की।
आपको बता दें, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव जोधपुर से भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत से एक लाख 29 हजार से ज्यादा वोटों से पीछे हैं। रुझानों के मुताबिक राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से 24 पर बीजेपी जीत की ओर है। वहीं भीलवाड़ा में बीजेपी प्रत्याशी की जीत हो गई है।
सत्ता में होने के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस को एक भी सीट पर बढ़त नहीं दिला पाए हैं। बीजेपी के कब्जे से बची हुई एकमात्र सीट पर राष्ट्रीय क्रांतिकारी पार्टी के उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल आगे चल रहे हैं।
हाल ही के विधानसभा चुनावों से जीत का स्वाद चखने वाली पार्टी कांग्रेस के साथ राजस्थान में ऐसा होगा ये शायद किसी ने सोचा नहीं होगा। माना जा रहा था कि सत्ता में आने के कारण लोकसभा चुनाव में कांग्रेस यहां अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। मगर विधानसभा चुनाव की तरह अशोक गहलोत का जादू लोकसभा चुनाव में नहीं चल सका।
बताते चले एग्जिट पोल में राजस्थान को 25 सीटों में से 23 सीटे मिलती दिखाई थी। वहीं इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने राजस्थान समेत कई राज्यों में क्लीन स्वीप किया था। अगर सर्वे जैसा ही रिजल्ट आया तो मुख्यमंत्री गहलोत के लिए बड़ा झटका साबित होगा।
-चुनाव आयोग की वेबसाइट – https://eci.gov.in/ पर चुनाव परिणाम चेक किए जा सकेंगे।
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