राजस्थान में विधायक चुने जाने से पहले मंत्री बनाए गए सुरेंद्र पाल सिंह टीटी चुनाव हार गए हैं। श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को कांग्रेस के रुपिंदर सिंह कुन्नर ने 11 हजार 261 वोटों से हरा दिया है। यह नतीजे सोमवार को आए। वहीं, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि हार के कारणों की समीक्षा करेंगे। कुन्नर को 94761 और टीटी को 83500 वोट मिले।
हमारे साथ व्हाट्सऐप पर जुड़ने के लिए क्लिक करें (We’re now on WhatsApp, Click to join)
सुरेंद्रपाल टीटी राजस्थान के इतिहास के पहले मंत्री, जिन्हें विधायक बनने से पहले पद मिल गया। अब टीटी के नाम एक और अनचाही उपलब्धि दर्ज हो सकती है। वे केवल शपथ लेकर इस्तीफा देने वाले पहले मंत्री बन सकते हैं, क्योंकि टीटी श्रीकरणपुर सीट से विधानसभा चुनाव हार गए हैं।
गौरतलब है कि सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को विधायक बनने से पहले ही भाजपा ने सरकार में राज्य मंत्री बना दिया था। राजस्थान में ऐसा पहली बार हुआ है, जब विधायक बनने से पहले मंत्री बने नेता चुनाव हार गए हों। नवंबर में हुए राजस्थान के विधानसभा चुनाव में श्रीकरणपुर सीट पर चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण टाल दिया गया था।
जीत के बाद रुपिंदर कुन्नर भावुक हो गए। उन्होंने पिता गुरमीत की तस्वीर के आगे मत्था टेका तो रो पड़े। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सरदार गुरमीत सिंह कुन्नर ही लड़ रहे थे। इधर, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने रुपिंदर सिंह कुन्नर को जीत की बधाई देते हुए कहा कि यह जनादेश भाजपा की तानाशाही पर तमाचा है।
श्रीकरणपुर से कांग्रेस प्रत्याशी श्री रुपिन्दर सिंह कुन्नर को जीत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। #श्रीकरणपुर pic.twitter.com/yh6y3AOeLm
— Rajasthan PCC (@INCRajasthan) January 8, 2024
विधायक बनने से पहले मंत्री बनाए गए थे टीटी
टीटी को विधायक बनने से पहले भजनलाल सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था और चार अहम विभाग भी दिए गए थे। इस मामले में कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग में आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई थी। भाजपा के सत्ता में आने के बाद भजनलाल सरकार की यह पहली बड़ी परीक्षा थी।
अब टीटी मंत्री रहेंगे या नहीं? क्या कहता है कानून
विधानसभा चुनाव में हार के बाद यह सवाल उठाया जा रहा है कि अब टीटी मंत्री रहेंगे या नहीं? नियमानुसार कोई भी भारतीय नागरिक बिना विधायक बने छह महीने तक मंत्री बने रह सकता है। टीटी विधानसभा चुनाव हार गए हैं, इसलिए भाजपा और टीटी पर मंत्री पद छोड़ने का नैतिक दबाव रहेगा, लेकिन कानूनन वे छह महीने तक मंत्री बने रह सकते हैं।
फिलहाल मंत्री बने उन्हें 8 दिन ही हुए हैं। उन्होंने अब तक कार्यभार भी नहीं संभाला था। सब कुछ भाजपा नेतृत्व पर निर्भर करेगा कि वह टीटी को मंत्री पद पर बनाए रखना चाहता है या नहीं।
ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।