कोरोना संकट के बीच भारत के इस राज्य में तैयार हुई स्वदेशी COVID 19 की टेस्ट किट, ये होंगे फायदें

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महाराष्ट्र: पुणे शहर की मायलैब (MYLab) डिस्कवरी सॉल्यूशंस कंपनी ने कोरोनावायरस (COVID19) की टेस्ट किट तैयार की है। सोमवार को मायलैब को कमर्शियल प्रोडक्शन की अनुमति मिल गई। परमिशन पाने वाली यह देश की पहली कंपनी है।

कंपनी ने बताया कि कोरोनावायरस की जांच करने वाली उसकी ‘मायलैब पैथोडिटेक्ट कोविड-19 क्वॉलिटेटिव पीसीआर किट’ को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने अनुमति दी है। कंपनी का दावा है कि वे एक टेस्टिंग किट से 100 लोगों की जांच कर सकते हैं। इसके बाजार में आ जाने से एक प्राइवेट लैब में दिन में कोरोना के एक हजार टेस्ट किए जा सकेंगे। अभी एक लैब में औसतन दिनभर में 100 नमूनों की कोरोना जांच हो पाती है।

वर्तमान हालातों को ध्यान में रखें तो भारत प्रति मिलियन जनसंख्या पर किए गए परीक्षण के मामले में सबसे नीचे है। यह आंकड़ा सिर्फ 6.8 का है। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए भारत सरकार ने जर्मनी से लाखों टेस्टिंग किट आयात की हैं। मायलैब का दावा है कि आने वाले समय में एक हफ्ते में एक लाख किट का बनाई जा सकेंगी।

कंपनी के प्रबंध निदेशक हसमुख रावल ने कहा, ‘स्थानीय और केंद सरकार से मिले सहयोग और ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर देते हुए उसने कोविड-19 की जांच के लिए एक किट तैयार की है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) के दिशानिर्देशों के अनुरूप रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया है। कोरोना वायरस की जांच किट को स्थानीय स्तर पर बनाने से इसकी मौजूदा लागत घटकर एक चौथाई रह जाएगी।

कौनसी सेवा दे रही है मायलैब अबतक-
मायलैब वर्तमान में ब्लड बैंकों, अस्पतालों, एचआईवी जांच की किट बनाती है। मायलैब के कार्यकारी निदेशक शैलेंद्र कावडे ने कहा- हम अपने देश को अत्याधुनिक तकनीक, उचित और सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। चूंकि यह परीक्षण संवेदनशील तकनीक पर आधारित है, इसलिए प्रारंभिक चरण के संक्रमण का भी पता लगाया जा सकता है। इस किट से की गई जांच के परिणाम काफी सटीक हैं।

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