क्या होता है मोस्‍ट फेवर्ड नेशन? जानिए दर्जा छिनने से पाकिस्तान को क्या होगा नुकसान

भारत ने पाकिस्तान को ये दर्जा 1996 में दिया था। इसके तहत पाकिस्तान को अधिक आयात कोटा और कम ट्रेड टैरिफ मिलता है। साथ ही ऐसा दर्जा पाने वाले देश को भरोसा दिलाया जाता है कि उसे व्यापार में कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।

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जम्मू कश्मीर के पुलवामा स्थित लेथपोरा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गए। इस आतंकी हमले से पूरे देश में गुस्से और शोक की लहर है। हर कोई अब आर-पार की लड़ाई चाहता है। जिससे लेकर लगातार सोशल मीडिया पर कई सारे हैशटैग चलाए जा रहे हैं।

इसी बीच आज यानी शुक्रवार को पीएम मोदी ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा फैसले लेते हुए उससे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छिन लिया है। अब आप सोचेंगे कि इससे भारत को क्या फायदा होगा। तो चलिए आपको बताते हैं कि इस फैसले से पाकिस्तान को क्या नुकसान छेलना पड़ेगा।

क्या मोस्ट फेवर्ड नेशन ?
मोस्‍ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा मिलना किसी देश को व्यापार में मिलने वाली सुविधाएं होती हैं। इसके अलावा एमएफएनदर्जा पाने वाले देश के साथ उतने संबंध रखे जाते हैं, जितने और किसी देश के साथ नहीं रखे जाते। विश्‍व व्‍यापार संगठन (WTO) के सदस्य के तौर पर हर देश को एक-दूसरे को एमएफएन का दर्जा देना होता है।

भारत ने पाकिस्तान को ये दर्जा 1996 में दिया था। इसके तहत पाकिस्तान को अधिक आयात कोटा और कम ट्रेड टैरिफ मिलता है। साथ ही ऐसा दर्जा पाने वाले देश को भरोसा दिलाया जाता है कि उसे व्यापार में कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। आसान भाषा में समझें तो पाकिस्‍तान को इस बात का भरोसा था कि किसी भी हालात में आर्थिक मोर्चे पर भारत नुकसान नहीं पहुंचाएगा। एमएफएन स्‍टेटस के तहत पाकिस्‍तानी व्‍यापारियों को वे सभी सुविधाएं और रियायतें मिल रहीं हैं, जो भारत दूसरे देशों को देता है। दर्जा छिन जाने के बाद इन रियायतों और सुविधाओं पर भी कैंची चल सकती है।

कब वापस लिया जा सकता है दर्जा?
डब्ल्यूटीओ के अनुच्छेद 21 बी के तहत कोई भी देश किसी देश को दिया एमएफएन का दर्जा तब वापस ले सकता है, जब उन दोनों के बीच सुरक्षा संबंधी मुद्दे पर विवाद हो। हालांकि नियम के मुताबिक, किसी भी देश से एमएफएन का दर्जा वापस लेने के लिए सारी शर्तें पूरी करनी होती हैं।

इसके क्या फायदे ? 
इसके तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है। यह दर्जा प्राप्त देश से कारोबार सबसे कम आयात शुल्क पर होता है। भारत-पाकिस्तान के बीच सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंदा फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज का कारोबार होता है।

दर्जा छिनने से पाक को कितना नुकसान?
विशेषज्ञों की मानें तो एमएफएन दर्जा छिनने से पाक को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा। व्यापार में पाकिस्तान को इस फैसले से कुछ ज्यादा नुकसान नहीं होगा।

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