महाराष्ट्र की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (pooja khedkar ias) का विवाद इन दिनों सुर्खियों में है। पूजा की नियुक्ति से लेकर बतौर प्रशिक्षु अधिकारी उनके व्यवहार पर सवालिया निशान हैं। नियुक्ति की जांच के लिए केंद्र सरकार ने समिति गठित की है। 11 जुलाई को गठित यह समिति 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसी बीच मंगलवार को पूजा खेडकर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी ट्रेनिंग रद्द कर दी गई। पूजा खेडकर को लेकर अब बड़ा खुलासा हुआ है।
IAS ऑफिसर पूजा खेडकर का विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आया है। पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल से 24 अगस्त 2022 को जारी इस सर्टिफिकेट में उन्हें 7% विकलांग बताया गया है। UPSC के नियम के मुताबिक विकलांग कोटे से सिलेक्शन के लिए 40% डिसेबिलिटी होना जरूरी है। YCM के डीन राजेंद्र वाबले ने 16 जुलाई को कहा- 7% का मतलब है कि शरीर में कोई बड़ी विकलांगता नहीं है। पूजा का मामला लोकोमोटर डिसेबिलिटी यानी चलने-फिरने में परेशानी से जुड़ा है।
पुणे के विकलांगता आयुक्त कार्यालय ने पुलिस को पूजा खेडकर की ओर से पेश किए गए सर्टिफिकेट की जांच करने के आदेश दिए हैं। इस सर्टिफिकेट में पूजा ने अपना एड्रेस भी गलत बताया था।
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पूजा की उम्र-पता और नाम सब गलत
पूजा की UPSC में गड़बड़ी के मामले में और भी खुलासे हुए हैं। सामने आया है कि पूजा ने UPSC के अटेम्प्ट बढ़ाने के लिए अपने नाम और उम्र में बदलाव किया था। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में पूजा की तरफ से लगाए गए 2020 और 2023 के दो आवेदनों में पूजा के अलग-अलग नाम हैं।
पूजा ने 2020 के आवेदन में अपना नाम ‘खेडकर पूजा दिलीपराव’ और उम्र 30 साल बताई थी। वहीं, 2023 में CAT के आवेदन में उन्होंने अपना नाम ‘पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर’ और उम्र 31 साल बताई। सवाल उठाया जा रहा है कि तीन साल के अंतराल में उनकी उम्र एक ही साल कैसे बढ़ सकती है।
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दरअसल, UPSC में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 32 साल की उम्र तक 6 बार परीक्षा देने की अनुमति होती है। वहीं OBC कैटेगरी का अभ्यर्थी 35 साल तक 9 बार परीक्षा दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पूजा ने कुल 11 बार सिविल सर्विसेस की परीक्षा दी हैं।
पूजा खेडकर का विवाद क्या है?
2023 बैच की आईएएस अधिकारी पर पुणे में प्रशिक्षण के दौरान अपने अधिकारों के दुरुपयोग करने का आरोप लगा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पूजा ने अपनी नियुक्ति के बाद ही तरह-तरह की सुविधाएं मांगनी शुरू कर दीं, जो प्रशिक्षु अधिकारियों को नहीं मिलती हैं। इतना ही नहीं पूजा ने अपनी निजी ऑडी कर पर लाल-नीली बत्ती लगा दी।
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पूजा की नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठे हैं। महाराष्ट्र के आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार ने दावा किया है कि पूजा ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर श्रेणी से आईएएस अधिकारी बनीं जबकि उनके पिता के चुनावी हलफनामे में उनकी संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई गई है। उनकी आय भी नॉन क्रीम लेयर के लिए तय मानक से काफी ज्यादा है। आरटीआई कार्यकर्ता ने यह भी दावा किया है कि पूजा खेडकर ने आईएएस की नौकरी के लिए दिव्यांग कोटे का भी इस्तेमाल किया है। हालांकि, उन्होंने कई बार मेडिकल टेस्ट छोड़ दिए हैं।
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ऑडी कार पर विवाद होने पर उनका वाशिम तबादला कर दिया गया। इसके अलावा पूजा की नियुक्ति मामले में केंद्र ने भी जांच बैठा दी गई। पूरे विवाद के बीच मंगलवार (16 जुलाई) को पूजा खेडकर की महाराष्ट्र में चल रही ट्रेनिंग रद्द कर दी गई। विवाद में फंसी पूजा खेडकर ने अपने लगे आरोपों पर जवाब दिया है। पूजा ने कहा, ‘मैं विशेषज्ञ समिति के सामने गवाही दूंगी और समिति के निर्णय को स्वीकार करूंगी’। उन्होंने कहा, ‘मेरी जो भी दलील है, मैं उन्हें समिति के सामने रखूंगी और सच्चाई सामने आ जाएगी।’
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