राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन तलाक बिल को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही 19 सितबंर 2019 से देश में तीन तलाक कानून लागू हो गया है। बता दें, मंगलवार को राज्यसभा से तीन तलाक बिल पास हुआ था। इसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था।
दो दिन पहले लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी तीन तलाक बिल पास हो गया था। बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े। उसके बाद इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा गया।
तीन तलाक बिल में क्या हैं प्रावधान:
- तुरंत तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को रद्द और गैर कानूनी बनाना।
- तुरंत तीन तलाक को संज्ञेय अपराध मानने का प्रावधान, यानी पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है।
- तीन साल तक की सजा का प्रावधान है।
- यह संज्ञेय तभी होगा जब या तो खुद महिला शिकायत करे या फिर उसका कोई सगा-संबंधी।
- मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है। जमानत तभी दी जाएगी, जब पीड़ित महिला का पक्ष सुना जाएगा।
- पीड़ित महिला के अनुरोध पर मजिस्ट्रेट समझौते की अनुमति दे सकता है।
- पीड़ित महिला पति से गुज़ारा भत्ते का दावा कर सकती है।
- इसकी रकम मजिस्ट्रेट तय करेगा।
- पीड़ित महिला नाबालिग बच्चों को अपने पास रख सकती है। इसके बारे में मजिस्ट्रेट तय करेगा।
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