इन चीजों का खिलाने-पिलाने से भी नहीं बढ़ती बच्चों की लंबाई

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लाइफस्टाइल डेस्क: बच्चों की लंबाई बढ़ाने और उनकी मसल्स मजबूत बनाने के लिए रेडीमेड डिब्बाबंद सप्लीमेंट्स दिए जा रहे हैं। इन सप्लीमेंट्स को रोजाना दूध में दो से तीन बार बच्चों को पिलाया जा रहा है। क्योंकि ज्यादातर पेरेंट्स का मानना है कि इन सप्लीमेंट्स को पिलाने से बच्चे हैल्दी रहेंगे।

इनमें पर्याप्त मात्रा में बच्चों को विटामिंस, कैलोरी, प्रोटीन और अन्य न्यूट्रीशिएंस मौजूद होते हैं, जो बच्चों की हैल्थ के लिए फायदेमंद हैं। इसके अलावा आजकल वे प्रोटीन देने का टेंड शुरू हो चुका है। वहीं डॉक्टर्स का मानना है कि शहरों में रहने वाले बच्चों को ये सप्लीमेंट पिलाने की जरूरत ही नहीं है। बच्चों को रोजाना दो से तीन बार ये सप्लीमेंट्स पिलाए जा रहे हैं। इन सप्लीमेंट्स को ज्यादा मात्रा में पिलाने से प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है।

प्रोटीन की मात्रा बढ़ने पर चाहिए ज्यादा पानी
प्रोटीन को मेटाबोलाइज करने के लिए लिवर और किडनी को ज्यादा फंक्शन करना पड़ता है। किडनी को प्रोटीन डाइजेस्ट करने के लिए ज्यादा पानी चाहिए। पानी की मात्रा कम होने पर फंक्शन करने के लिए किडनी पर ज्यादा दबाव पड़ता है। किडनी फैलना शुरू कर देती है। इससे किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, इन सप्लीमेंट्स की ज्यादा मात्रा होने पर इनका असर तुरंत दिखाई नहीं देता है।

तकरीबन दस साल बाद इनका असर होने की संभावना बढ़ती है। यही नहीं, लिवर डिजीज होने पर पेशेंट को ज्यादा मात्रा में प्रोटीन दे दिया जाए तो लिवर फेलियर होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, प्रोटीन से ब्रेन पर असर पड़ता है। ज्यादा कैलोरीज लेने से वजन बढ़ता है और ग्लुकोज फैट में कंवर्ट होता है। आर्टरीज में फैट जमने से यह और ज्यादा सिकुड जाती है। कंपनियों की ओर से इन सप्लीमेंट्स को पिलाने से लंबाई बढ़ने और मसल्स मजबूत बनने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन मेडिकल रिसर्च में यह साबित नहीं हो पाया है।

2 से 5 साल और 12 से 13 साल की उम्र में ही दें सप्लीमेंट्स
दो से पांच साल की उम्र तक बच्चों के ब्रेन की ग्रोथ होती है। बारह से तेरह साल की उम्र तक बच्चे की फिजिकल ग्रोथ होती है। बच्चों को रोजाना नहीं सप्ताह में दो से तीन बार सप्लीमेंट्स पिलाएं। सप्लीमेंट पिलाने से बच्चों की लंबाई बढ़ेगी। उनमें ज्यादा ताकत आएगी। यह सिर्फ लोगों में भ्रम है। ये सप्लीमेंट्स कंपलीट फूड आइटम्स नहंी होते हैं। इन सप्लीमेंट्स से सिर्फ हमें पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज और कार्बोहाइड्रेट नहीं मिल पाते हैं। बच्चों को हैल्दी बनाने के लिए दाल, चांवल, बटर और सब्जियों से बनी हुई चीजें खिलाएं।

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