तीन-चार दिन पहले से कांग्रेस के द्वारा नोटबंदी को लेकर 28 नवंबर को भारत बंद की घोषणा की गई लेकिन अब नोटबंदी के फैसले के खिलाफ विपक्ष के भारत बंद को लेकर असमजंस की स्थिति बनी हुई है। विपक्ष इस मुद्दे पर एकमत नहीं है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने साफ करते हुए कहा कि हमने भारत बंद का नहीं कहा ब्लकि नोटबंदी को लेकर विरोध प्रदर्शन की बात कही थी।
पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार का यह फैसला राजनीतिक कदम है जिसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के रूप में भुनाया जा रहा है। रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘धमाका’ राजनीति में भरोसा रखते हैं और बड़े नोटों को बंद करने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि उन्हें उत्तर प्रदेश में कुछ संभावनाएं दिखाई दीं जहां अगले साल चुनाव होने हैं।
नीतिश ने कहा पीएम का फैसला देशहित में-
नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने खुद को पहले ही इससे अलग कर लिया है। जदयू ने 26 नवंबर को कहा कि वह बंद में शामिल नहीं होगी। साथ ही 30 नवंबर को तृणमूल कांग्रेस की ओर से पटना में बुलाए गए धरने से भी खुद को किनारे किया है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हम लोगों ने केंद्र सरकार के नोटबंदी का जोरदार समर्थन किया है। ऐसे में हम कैसे इसके विरोध में होने वाली गतिविधियों जैसे बंद अथवा धरना के हिस्सा होंगे।
खुलासा: सीमा पर जवानों की मौत लड़ाई से नहीं ब्लकि हार्ट अटैक से होती है
नोटबंदी का साइट इफेक्ट: इस शख्स ने पैसों के लिए करवाई नसबंदी!
ममता ने भी छोड़ा कांग्रेस का साथ-
नीतीश के रूख पर ममता बनर्जी ने निशाना साधते हुए कहा था कि वे किसी दबाव में भाजपा की लाइन को आगे बढ़ा रहे हैं। इसके साथ उन्होंने ये भी कहा कि हम हमारी पार्टी भारत बंध के खिलाफ है। हमारी लड़ाई नोटबंदी से हो रही परेशानी से है।
चावल का पानी है सेहत के लिए गुणकारी, जानिए कैसे
विपक्ष पर पीएम मोदी का हमला-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के खिलाफ ‘भारत बंद’ का आह्वान करने वाले विपक्षी दलों पर प्रहार करते हुए देशवासियों से पूछा कि वे भ्रष्टाचार का रास्ता बंद करना चाहते हैं, या फिर भारत बंद की राह पकड़ने के इच्छुक हैं। मोदी ने देश के कारोबार को ‘कैशलेस’ बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के लिये देशवासियों से मदद भी मांगी। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘मैंने सिर्फ और सिर्फ गरीब के लिये यह फैसला लिया है। जो 70 साल में लूटा है उसे निकालकर गरीब का घर बनाना है, किसान के खेत में पानी पहुंचाना है, गरीब की झोपड़ी में बिजली का तार पहुंचाना है, गरीब बच्चों की पढ़ाई करानी है, गरीब बुजुर्गों को दवा दिलानी है। यह जो भी (काला धन) निकलेगा, वह सारा गरीबों की भलाई के लिये काम आने वाला है। अब हम देश को लुटने नहीं देंगे।’
मन की बात में मोदी ने की युवाओं से अपील, 10 परिवारों को सीखाएं टेक्नोलॉजी
भाड़े के टट्टू है भाजपा के पास-मायावती
मायावती ने पीएम मोदी की कुशीनगर रैली को फ्लॉप बताया है। मायावती ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कुशीनगर के छोटे से ग्राउंड में भाड़े के टट्टूओं के साथ भाजपा की रैली फ्लॉप हुई।’ मायावती ने साथ ही कहा, ‘पीएम मोदी ने संत कबीर और बुद्ध का नाम लिया, सिर्फ उनका नाम लेने से नहीं, उनके दिखाए रास्ते से चलने से सफलता मिलती है। पूर्वांचल के लोग पीएम मोदी के भाषण से प्रभावित नहीं होने वाले हैं। विपक्षी दल देश के 90 फीसदी लोगों का दर्द समझते हैं। जिसका हम लोग विरोध कर रहे हैं। हम लोग कालेधन के खात्मे का विरोध नहीं कर रहे।’