भारत-इंडोनेशिया में 15 करार, इस समझौते से पड़ोसी मुल्कों में बढ़ी टेंशन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 दिवसीय विदेश दौरे के दूसरे दिन इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो से द्विपक्षीय वार्ता की। जोको 12 घंटे में 5 से ज्यादा बार मोदी से मिले। दोनों देशों के बीच शिक्षा, प्रौद्योगिकी, स्पेस, सुरक्षा, कारोबार, रेलवे, स्वास्थ्य समेत 15 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इसके अलावा आपसी कारोबार को अगले 7 साल में तीन गुना बढ़ाने पर सहमति भी जताई है। दोनों 2025 तक ट्रेड को 3.40 लाख करोड़ रुपए तक ले जाएंगे। 2017 में भारत और इंडोनेशिया के बीच 1.24 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था।

मोदी और जोको ने रामायण-महाभारत थीम पर बनी पतंग प्रदर्शनी में भी हिस्सा लिया। यहां दोनों ने साथ में पतंग उड़ाई। इसके बाद मोदी इंडोनेशिया की प्रसिद्ध इश्तिकलाल मस्जिद भी देखने पहुंचे। मोदी सेंट्रल जकार्ता में अर्जुन का विजय चैरियट स्टैच्यू भी देखने भी गए।

मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित भी किया। इससे पहले राष्ट्रपति महल मर्डेका पैलेस में मोदी का स्वागत किया गया। मोदी ने कहा कि भारत और आसियान देशों की साझेदारी सिर्फ भारत-प्रशांत क्षेत्र ही नहीं, बल्कि इससे आगे भी शांति की गारंटी बन सकती है। इंडोनेशिया में चर्च पर हुए हमलों की निंदा करते हुए कहा कि हम आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक साथ हैं।

इंडोनेशिया का सबसे निकट का पड़ोसी केवल हिंदुस्तान- मोदी
मोदी ने जकार्ता में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए साझी सांस्कृतिक विरासत का जिक्र किया। बोले कि वह एक दौर था, जब आपके पूर्वजों को परिस्थितियों की वजह से भारत छोड़ना पड़ा था। 4 साल में भारत ने दुनिया को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका अदा की है। दुनिया की सबसे ओपन इकोनॉमी में से एक भारत में रिकॉर्ड स्तर पर विदेशी निवेश हो रहा है। भारत में आपका स्वागत है। भारत, इंडोनेशिया के बीच सिर्फ 90 नॉटिकल मील की दूरी है। यानी इंडोनेशिया का सबसे निकट का पड़ोसी कोई है तो वह हिंदुस्तान है।

मोदी की यात्रा ने बढ़ाया चीन में तनाव

ऐसा कहा जा रहा है कि भारत और चीन को लेकर इंडोनेशिया के रुख में तब्दीली आ रही है। वो हाल तक भारत के साथ सामरिक साझेदारी को लेकर झिझक दिखाता था लेकिन अब ऐसा नहीं रह गया है। इस बीच भारत और इंडोनेशिया के बीच बढ़ती नज़दीकियों ने चीन की टेंशन बढ़ा दी है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस बारे में एक लंबा लेख लिखा है। जिसमें लिखा गया है, ”भारत और इंडोनेशिया सबांग द्वीप को लेकर सामरिक साझेदारी पर निगाह रखे हुए हैं, ऐसे में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी दौरे को तरजीह देना भी जरूरी हो जाता है।”इस महीने की शुरुआत में इंडोनेशिया ने भारत को सबांग में निवेश की इजाजत दी है, जो स्ट्रैट ऑफ मलक्का के करीब है।

कलीबाता स्मारक में मोदी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी 
मोदी ने कलीबाता स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। यहां उन सैनिकों को दफन किया गया है, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के समय इंडोनेशिया को डच से आजादी दिलाई थी। यहां 1000 जापानी सैनिक दफन हैं। इन सैनिकों ने इंडोनेशिया की मदद की थी। यह कब्रिस्तान 1953 में बनाया गया था।

अभी दोनों देशों के कुल कारोबार में 80 फीसदी हिस्सा इंडोनेशिया का है
इंडोनेशिया आसियान देशों में भारत का सबसे बड़ा सहयोगी देश है। इंडोनेशिया सेंट्रल स्टैटिस्टिक एजेंसी के मुताबिक 2016 में दोनों देशों में 1 लाख करोड़ रु. का कारोबार हुआ था। इसमें 2017 में 28.7% की वृद्धि हुई थी। पिछले साल इंडोनेशिया ने भारत को 87,720 करोड़ रु. का सामान निर्यात किया था, जबकि 27,540 करोड़ रुपए का आयात किया था। दोनों देश अापसी रक्षा कारोबार को भी बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।

दुनिया में सर्वाधिक मुस्लिम आबादी इंडोनेशिया में है
इंडोनेशिया की मौजूदा अाबादी करीब 26 करोड़ है। इसमें 87% अाबादी मुस्लिम हैंं। यह दुनिया में सबसे अधिक है। 1978 में बनी इश्तिकलाल मस्जिद दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद है। इश्तिकलाल का मतलब आजादी है। इसे ईसाई आर्किटेक्ट फ्रेडरिक सिलाबान ने डिजाइन किया था। इंडोनेशिया में रामायण और महाभारत ग्रंथ भारत की तरह ही प्रसिद्ध हैं। रामलीला का मंचन भी होता है।

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