Criminal Law Bills: 3 नए क्रिमिनल विधेयक लोकसभा में पास हो गए हैं। अब इसे राज्यसभा में रखा जाएगा। वहां से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। 3 नए क्रिमिनल बिल पर लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों का बनाया राजद्रोह कानून जिसके चलते तिलक, गांधी, पटेल समेत देश के कई सेनानी कई बार 6-6 साल जेल में रहे। वो कानून अब तक चलता रहा। पहली बार मोदी जी ने सरकार में आते ही ऐतिहासिक फैसला किया है, राजद्रोह की धारा 124 को खत्म कर ,इसे हटाने का काम किया।
मैंने राजद्रोह की जगह उसे देशद्रोह कर दिया है। क्योंकि अब देश आजाद हो चुका है, लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता है। यह उनका अधिकार है। अगर कोई देश की सुरक्षा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
अगर कोई सशस्त्र विरोध करता है, बम धमाके करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, उसे आजाद रहने का हक नहीं, उसे जेल जाना ही पड़ेगा। कुछ लोग इसे अपनी समझ के कपड़े पहनाने की कोशिश करेंगे, लेकिन मैंने जो कहा उसे अच्छी तरह समझ लीजिए। देश का विरोध करने वाले को जेल जाना होगा।
आपको बता दें, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव हुआ है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं, 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है।
अब पुलिस की भी जवाबदेही तय हुई
शाह ने कहा- नए कानून में अब पुलिस की भी जवाबदेही तय होगी। पहले किसी की गिरफ्तारी होती थी, तो उसके परिवार के लोगों को जानकारी ही नहीं होती थी। अब कोई गिरफ्तार होगा तो पुलिस उसके परिवार को जानकारी देगी। किसी भी केस में 90 दिनों में क्या हुआ, इसकी जानकारी पुलिस पीड़ित को देगी।
जांच और केस के विभिन्न चरणों की जानकारी पीड़ित और परिवार को भी देने के लिए कई पॉइंट जोड़े गए हैं। तीनों कानूनों के अहम प्रावधान- भारतीय न्याय संहिता की बात करूं तो इसमें कई मानव संबंधी अपराधों को पीछे रखा गया था। रेप के मामले, बच्चों के खिलाफ अपराधों को आगे रखा गया है।
LIVE: Union Home Minister Shri @AmitShah speaks in the Lok Sabha.#NayeBharatKeNayeKanoon https://t.co/Xc2vtY6G9c
— BJP (@BJP4India) December 20, 2023
गंभीर मामलों में आधी सजा काटने के बाद रिहाई
गंभीर मामलों में आधी सजा काटने के बाद रिहाई मिल सकती है। जजमेंट सालों तक नहीं लटकाया जा सकता। मुकदमा समाप्त होने के बाद जज को 43 दिन में फैसला देना होगा। निर्णय देने के 7 दिन के भीतर सजा सुनानी होगी। पहले सालों तक दया याचिकाएं दाखिल की जाती थीं। दया की याचिका दोषी की कर सकता है पहले कोई एनजीओ या कोई संस्थान ऐसी याचिकाएं दाखिल करता था। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद 30 दिन के भीतर ही दया याचिका दाखिल की जा सकेगी।
रेप केस में क्या होगा नियम
- पहले रेप की धारा 375, 376 थी, अब जहां से अपराधों की बात शुरू होती है उसमें धारा 63, 69 में रेप को रखा गया है। गैंगरेप को भी आगे रखा गया है। बच्चों के खिलाफ अपराध को भी आगे लाया गया है। मर्डर 302 था, अब 101 हुआ है। गैंगरेप के आरोपी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल।
2. 18, 16 और 12 साल की उम्र की बच्चियों से रेप में अलग-अलग सजा मिलेगी। 18 से कम से रेप में आजीवन कारावास और मौत की सजा। गैंगरेप के मामले में 20 साल की सजा या जिंदा रहने तक की सजा। 18 साल से कम की बच्ची के साथ रेप में फिर फांसी की सजा का प्रावधान रखा है।
3. सहमति से रेप में 15 साल की उम्र को बढ़ाकर 18 साल कर दिया गया है। अगर 18 साल की लड़की के साथ रेप करने पर नाबालिग रेप में आएगा।
4. किडनैपिंग 359, 369 था, अब 137 और 140 हुआ। ह्यूमन ट्रैफिकिंग 370, 370ए था अब 143, 144 हुआ है।
गैर इरादतन हत्या को कैटेगिरी बनीं
- संगठित अपराध की भी पहली बार व्याख्या की गई है, इसमें साइबर क्राइम, लोगों की तस्करी, आर्थिक अपराधों का भी जिक्र है। इससे न्यायपालिका का काम काफी सरल होगा। गैर इरातन हत्या को दो हिस्सों में बांटा। अगर गाड़ी चलाते वक्त हादसा होता है, फिर आरोपी अगर घायल को पुलिस स्टेशन या अस्पताल ले जाता है तो उसे कम सजा दी जाएगी। हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा मिलेगी।
2. डॉक्टरों की लापरवाही से होने वाली हत्याओं को गैर इरादतन हत्या में रखा गया है। इसकी भी सजा बढ़ गई है, इसके लिए मैं एक अमेंडमेंट लेकर आउंगा, डॉक्टरों को इससे मुक्त कर दिया है। मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा, स्नैचिंग के लिए कानून नहीं था, अब कानून बन गया है।
किसी के सर पर लाठी मारने वाले को सजा तो मिलेगी, इससे ब्रेन डेड की स्थिति में आरोपी को 10 साल की सजा मिलेगी। इसके अलावा कई बदलाव हैं।
हमारे साथ व्हाट्सऐप पर जुड़ने के लिए क्लिक करें (We’re now on WhatsApp, Click to join)
ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।