भारत और अफगानिस्‍तान पर बड़े आंतकी हमले की तैयारी में पाकिस्तान !

अमेरिका ने भारत और पाकिस्‍तान के बिगड़ते रिश्‍तों के लिए पाक को जिम्‍मेदार ठहराया है।

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वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन के हवाले से खबर आई है कि पाकिस्‍तान इन दिनों भारत और अफगानिस्‍तान पर बड़े आतंकी हमले की योजना बना रहा है। इसके साथ ही यह भी खुलासा किया कि नवाज शरीफ एटमी जखीरा बढ़ा रहा है, ताकि समय आने पर भारत का सामना किया जा सके।

अमेरिका ने भारत और पाकिस्‍तान के बिगड़ते रिश्‍तों के लिए पाक को जिम्‍मेदार ठहराया है। साथ ही कहा है कि अगर पाक का रवैया ऐसा ही रहा, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। अमेरिका के नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर डेनियल कोट्स ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, ‘पाकिस्तान अपने यहां आतंकियों पर लगाम कसने में नाकाम रहा है। वहीं भारत का धैर्य जवाब दे रहा है। 2016 में हुए पठानकोट हमले की जांच को लेकर भी पाक का रवैया ढीला ही रहा है। इन सबके चलते दोनों देशों के संबंधों में गिरावट आई है।”

डेनियल कोट्स ने सांसदों से कहा, ‘भारत विरोधी आतंकवादियों को मिलने वाले सहयोग को बंद नहीं करा पाने में पाकिस्तान की नकामयाबी और इस नीति के खिलाफ नई दिल्ली की बढ़ती असहिष्णुता साथ ही सीमा पार से जनवरी 2016 में पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तानी जांच में कोई प्रगति नहीं होने के कारण 2016 से द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट आने लगी थी। कोट्स ने कहा कि 2016 में आतंकवादियों के पाकिस्तान पार कर भारत आने और दो बडे हमलों को अंजाम देने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए है।

कोट्स ने कहा, ‘आतंकी संगठन क्षेत्र में अमेरिका के हितों के लिए लगातार खतरा बने हुए हैं। ये भारत और अफगानिस्तान पर हमले की योजना बना रहे हैं।’ उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान लगातार अपने एटमी जखीरे को बढ़ा रहा है।

कोट्स के मुताबिक, अमेरिकी इंटेलिजेंस कम्युनिटी का आकलन है कि आने वाले साल 2018 में अफगानिस्तान के राजनीतिक और सुरक्षा संबंधित हालात और खराब होंगे, भले ही अमेरिका और उसके सहयोगी क्षेत्र में मामूली सैन्य सहयोग बढ़ा दें। उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान के हालात को और खराब करने के लिए इसकी बिगड़ते आर्थिक स्थिति जिम्मेदार है। अफगानिस्तान बाहरी सहयोग पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए तब तक संघर्ष करेगा, जब तक वह आतंकवाद को काबू नहीं कर लेता या फिर तालिबान से किसी समझौते तक नहीं पहुंच जाता।’

कोट्स का कहना है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ने को लेकर चिंतित है। साथ ही भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय कद, दूसरे देशों तक बेहतर होती उसकी पहुंच और अमेरिका से गहरे होते उसके रिश्तों के मद्देनजर अपनी जमीन मजबूत कर रहा है। पाकिस्तान अपने अकेले पड़ जाने से निपटने के लिए चीन का रुख कर सकता है। इससे ऐसे रिश्ते बनेंगे, जिससे चीन की हिंद महासागर में दखल बढ़ेगी।’

 

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