चंडीगढ़: अग्रेंजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में गोहत्या के खिलाफ देश का सबसे कड़ा कानून बनाया गया गया। कानून बनने के आठ महीनें में राज्य में 86 हिंदुओं, 421 मुसलमानों और करीब आधा दर्जन सिखों पर गाय की तस्करी और गाय से जुड़े दूसरे अपराधों के मामले दर्ज किए गए।
हरियाणा गोवंश संरक्षण एवं गोसंवर्धन अधिनियम 2015’ के तहत हरियाणा पुलिस ने 1 जनवरी 2016 से 31 अगस्त 2016 के बीच 513 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें 170 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। सबसे ज्यादा मामले गाय की तस्करी के हैं, वहीं कुछ मामले गोहत्या और बीफ बेचने से भी जुड़े हैं।
गाय की तस्करी में सभी धर्मों के लोग शामिल:
हरियाणा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक गाय की तस्करी में सभी धर्मों के लोग शामिल हैं। गाय की तस्करी के सबसे अधिक मामले मेवात, हिसार, फतेहाबाद, मेहम, भिवानी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, यमुनानगर और पानीपत में सामने आए हैं। पुलिस के अनुसार जयपुर की गोशाला से भी गायों की तस्करी करके उन्हें मेवात लाया गया है।
हरियाणा में गाय की राजनीति तेज:
इन आंकड़ों के सामने आने के बाद गोरक्षा से जुड़े लोगों ने आरोप लगाया है कि तस्कर खुद को बचाने के लिए हिंदुओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन वहीं कुछ लोगों का मानना है कि ये मामला कारोबार का है और इसे धर्म से जोड़ना उचित नहीं है। हरियाणा राज्य गोशाला संघ के अध्यक्ष शमशेर आर्य के मुताबिक, ‘हिंदू सिर्फ लालच और बेरोजगारी की वजह से ऐसे कामों में शामिल होते हैं, लेकिन वे सिर्फ और सिर्फ तस्करी करते हैं, गोहत्या नहीं।
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शमशेर ने बताया कि दूध की जरूरत बताकर तस्कर गांववालों से गायों को करीब 4 हजार रुपए में खरीदते हैं इसके बाद वे हिंदुओं का इस्तेमाल तस्करी के दौरान करते हैं ताकि पुलिस उन्हें गिरफ्तार न करे। हरियाणा की मुस्लिम कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष हरफुल खान भट्टी का कहना है, ‘कुछ लोग इस मुद्दे का इस्तेमाल करके हिंदू-मुस्लिम में मतभेद पैदा करना चाहते हैं। यह धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक मुद्दा है। वास्तव में मुस्लिम भी गाय की उतनी ही इज्जत करते हैं जितने कि हिंदू।’
बीजेपी सरकार बनने के बाद गाय तस्करों मामले ज्यादा:
राज्य में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह के मुताबिक, ‘गो तस्करी की वजह से आम ग्राहकों को भी गायों को इधर से उधर ले जाना मुश्किल हो गया है, यहां तक कि किसानों को अपनी गायों को ले जाने पर भी परेशान किया जाता है।’ राज्य में बीजेपी सरकार बनने के बाद से स्वघोषित गोरक्षा दलों की ओर से कथित गाय तस्करों की पिटाई के कई मामले सामने आ चुके हैं. वहीं हरियाणा के कई इलाकों में बिरयानी में बीफ का इस्तेमाल करने को लेकर भी मारपीट हो चुकी है।
पुलिस ने कई बिरयानी बेचने वालों के सैंपल लिए थे और कुछ में बीफ के इस्तेमाल की बात भी कही गई थी. हालांकि बिरयानी बेचने वालों के मुताबिक वो गाय नहीं बल्कि भैंस के मांस का उपयोग करते हैं।