दिल्ली: देश में ओमिक्रॉन संक्रमण के मामले 200 के पार हो गए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल हैं। दोनों राज्यों में ओमिक्रॉन के 54-54 मामले मिले हैं। इसमें खतरे की बात यह है कि देश में पहले 100 मामले 15 दिन में मिले थे, लेकिन 100 से 200 मामले होने में सिर्फ 5 दिन का समय लगा।
देश में ओमिक्रॉन के सबसे पहले दो मामले 2 दिसंबर को कर्नाटक में मिले थे। 14 दिसंबर को मामले बढ़कर 50 हुए। 17 दिसंबर को मामलों की संख्या 100 हुई। अगले 100 केस होने में सिर्फ 5 दिन लगे। देश के 13 राज्यों में ओमिक्रॉन के मामले सामने आए हैं। ओमिक्रॉन के बारे में दुनियाभर के वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी संक्रमण दर बहुत ज्यादा है। देश में ओमिक्रॉन के आंकड़ों को देखकर कहा जा सकता है कि इसके संक्रमण की रफ्तार बढ़ गई है।
हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि WHO के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा स्ट्रेन के मुकाबले कहीं ज्यादा तेजी से पांव पसार रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो ओमिक्रॉन डेल्टा वैरिएंट से कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है। बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में ही 24 नवंबर को ओमिक्रॉन वैरिएंट के पहले केस की पहचान की गई थी।
DNA बदल सकते हैं वायरस-
मॉडर्ना के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. पॉल बर्टन ने कहा है कि अगर ओमिक्रॉन और डेल्टा स्ट्रेन मिलकर किसी को संक्रमित करते हैं तो कोरोना का नया सुपर वैरिएंट बन सकता है। ब्रिटेन में डेल्टा और ओमिक्रॉन की आउटब्रेक स्पीड ने सुपर-वैरिएंट की आशंका को बढ़ा दिया है।
डॉ. बर्टन कहा कि आमतौर पर इंसान कोरोना के एक ही एक म्यूटेंट स्ट्रेन से संक्रमित होता है, कुछ खास मामलों में दो स्ट्रेन एक ही वक्त पर मरीज को संक्रमित करते हैं। अगर डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों एक सेल को संक्रमित करते हैं तो ये आपस में DNA की अदला-बदली कर सकते हैं। इन दोनों के मिलने से कोरोना का एक नया सुपर स्ट्रेन बन सकता है।
डॉ. बर्टन ने बताया कि दोनों वैरिएंट के मिलने पर पहले से भी ज्यादा खतरनाक वैरिएंट बन सकता है। दो वायरस आपस में मिलकर जीन शेयर और स्वैप कर सकते हैं।
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