हवाई यात्रा की सोच रहे है तो टिकट बुक करने से पहले पढ़ ले यह नियम !

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नईदिल्ली : कोरोना वायरस की वजह से बंद पड़ी घरेलु विमान सेवा आज से फिर से शुरू हो गयी है लेकिन राज्यों की अनुमति की वजह से 80 से ज्यादा विमान रद्द हुए हैं, इस विमान यात्रा के लिए यात्रियों को निम्नलिखित नियम मानने होंगे –

# सभी यात्रियों को या तो आरोग्य सेतु ऐप के जरिए अथवा स्व-घोषणापत्र भरके अपनी सेहत की जानकारी देनी होगी ।

# यात्रियों को वेब-चेक-इन कराना होगा क्योंकि हवाईअड्डों पर चेक-इन काउंटर कार्यरत नहीं होंगे ।

# केवल वेब चेक-इन करा चुके यात्रियों को ही टर्मिनल में प्रवेश दिया जाएगा ।

# पहले दिन (25 मई को) सीमित परिचालन (लगभग एक तिहाई) की अनुमति होगी ।

# यात्रियों को केवल एक चेक-इन बैग ले जाने की इजाजत होगी और विमानों में एयरलाइन कंपनियां खान-पान की सुविधा नहीं देंगी ।

# गर्भवती महिलाओं तथा सेहत संबंधी अन्य परेशानियों से गुजर रहे लोगों को हवाई यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई है ।

# बुजुर्ग व्यक्ति जिन्हे कोई अन्य शारीरिक सेहत सम्बन्धी परेशानी हो उन्हें यात्रा से दूर रहने सलाह दी जाती हैं ।

# विमान में कोई खानपान की बिक्री नहीं होगी, सभी यात्रियों के लिए शारीरिक तापमान की जांच अनिवार्य होगा ।

# यात्रियों को उड़ान के निर्धारित समय से कम से कम 2 घंटे पहले हवाईअड्डे पर पहुंचना होगा और सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा ।

# दिशा-निर्देशों के अनुसार विमान के उड़ान समय से 60 मिनट पहले यात्रियों की बोर्डिंग शुरू हो जाएगी और प्रस्थान समय से 20 मिनट पहले बोर्डिंग गेट बंद हो जाएगा ।

# सभी यात्रियों को हवाईअड्डे पर प्रवेश के समय और उसके बाद पूरी यात्रा के दौरान मास्क पहनना होगा. कोविड-19 से संक्रमित पाए गए लोगों को यात्रा करने की इजाजत नहीं होगी ।

अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग नियम

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घरेलू उड़ानों, रेल तथा सड़क यातायात को लेकर अपनी ओर से दिशा-निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि सभी राज्य अपने हिसाब से पृथक-वास को लेकर अपना प्रोटोकॉल तय कर सकते हैं. यात्रियों को अपने मोबाइल हैंडसेट पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की भी सलाह दी गई है ।

कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, बिहार, पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गोवा और जम्मू-कश्मीर उन कुछ राज्यों में से हैं, जिन्होंने उनके राज्य के हवाई अड्डों पर उतरने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग पृथक-वास के नियम तय किए हैं ।

कुछ राज्यों ने जहां यात्रियों को अनिवार्य संस्थागत पृथक-वास केन्द्रों में रखने का फैसला लिया है, वहीं कई अन्य ने उन्हें घर और पृथक-वास केन्द्रों में रखने की बात कही है ।

हालांकि, पुरी ने शनिवार को राज्यों के इन नियमों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि यदि कोई यात्री आरोग्य सेतु एप पर अपने आप के सही होने की रपट करता है तो इसका मतलब यात्री सुरक्षित है । राज्यों का रुख इस पर अड़ियल है और केंद्र सरकार पायलट और चालक दल के लिए एक समान पृथक रहने के नियम बनाने की कोशिश कर रही है ।

कहां कितने दिन का क्वारनटीन

> जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को कहा कि राज्य में आने वाले सभी यात्रियों को 14 दिन की प्रशासनिक निगरानी में पृथक (क्वारनटीन) रहना होगा ।

> केरल और पंजाब सरकार ने कहा कि राज्य में आने वाले सभी यात्रियों को 14 दिन के लिए घरों पर पृथक रहना होगा ।

> बिहार सरकार ने कहा है कि सभी यात्रियों को 14 दिन के लिए पृथक रहना होगा, जिसका उन्हें भुगतान करना पड़ेगा ।

> असम सरकार ने सभी चालक दल और पायलटों को 14 दिन पृथक रहने का नियम बनाया है. जबकि यात्रियों को वह घर और सरकारी पृथक केंद्रों (क्वारनटीन सेंटर्स) पर बराबर-बराबर बांट देगी ।

> कर्नाटक सरकार ने कहा है कि यदि कोई यात्री बुरी तरह कोविड-19 प्रभावित राज्य से यात्रा कर रहा है तो उसे 7 दिन के लिए अनिवार्य तौर पर क्वारनटीन में रखा जाएगा. बाद में उसका टेस्ट नेगेटिव आने पर उसे बाकी 7 दिन घर पर क्वारनटीन रहना होगा ।

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