17 महीने पुरानी महागठबंधन सरकार का बिहार से राज खत्म, जानें कब-कैसे मारी नीतिश कुमार ने पलटी

नीतीश कुमार ने 537 दिन बाद आज 28 जनवरी 2024 को एक बार फिर राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पिछली बार 9 अगस्त 2022 को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा था।

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Nitish Kumar In NDA: आज बिहार की सियासत में जबर्दस्त गहमागहमी है। नीतीश कुमार ने करीब 11 बजे राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश ने भाजपा का समर्थन पत्र देकर सरकार बनाने की बात कही। इससे पहले सीएम हाउस में नीतीश की पार्टी सांसदों और विधायकों के साथ मीटिंग हुई थी। यहां नीतीश ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया। जानकारी के मुताबिक, आज शाम को ही शपथ ग्रहण हो सकता है।

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नीतीश ने कहा कि आज हमने इस्तीफा दे दिया है। जो सरकार थी, उसको समाप्त करने का हमने गवर्नर साहब को बोल दिया। चारों तरफ से राय आ रही थी। इसी को हमने सुन लिया। अब पहले के गठबंधन को छोड़कर नया गठबंधन बनाए हैं। आज हम लोग उनसे अलग हो गए। जितना काम हम कर रहे थे, वो कुछ काम ही नहीं कर रहे थे। लोगों को तकलीफ थी, हमने बोलना छोड़ दिया।

जानकारी के मुताबिक, जेडीयू-भाजपा से 3-3 विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। शपथ समारोह में और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हो सकते हैं। नड्डा 3 बजे पटना पहुंच रहे हैं।

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कब-कब दिया नीतिश ने इस्तीफा
नीतीश कुमार ने 537 दिन बाद आज 28 जनवरी 2024 को एक बार फिर राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पिछली बार 9 अगस्त 2022 को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा था। इसके बाद राजद-कांग्रेस गठबंधन के साथ मिलकर महागठबंधन सरकार बनाई थी। इसके पहले नीतीश कुमार ने 1840 दिनों तक भाजपा के साथ सरकार चलाई थी। उन्होंने 26 जुलाई 2017 को अपना इस्तीफा राज्यपाल को दिया था। तब वो राजद-कांग्रेस गठबंधन से अलग हुए थे। इसके भी पहले नीतीश कुमार ने 1502 दिन आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन के साथ सरकार चलाई थी। तब वे 16 जून 2013 को भाजपा के नेतृत्व वाली NDA सरकार से अलग हुए थे।

जानिए कब-कैसे पलटी मारी नीतिश कुमार ने

पहली बार 1994 में बदला पाला
पहली बार नीतीश कुमार ने साल 1994 में पाला बदला था, तब वे जनता दल का हिस्सा थे। जनता दल से निकलने के बाद नीतीश ने 1994 में जॉर्ज फर्नांडीस, ललन सिंह के साथ मिलकर समता पार्टी बनाई और 1995 का विधानसभा चुनाव वामदलों के साथ मिलकर लड़ा।

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1996 में दूसरी बार मारी पलटी
इस दौरान जब समता पार्टी को सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने वामदलों के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया और NDA के साथ आ गए। इस तरह से 1996 में नीतीश कुमार ने दूसरी बार पलटी मारी।

2015 में तीसरी बार मारी पलटी
नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस दौरान नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री तो तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद तेजस्वी यादव का नाम जब IRCTC घोटाले में आया तो नीतीश कुमार ने चौथी बार पलटी मारी।

2020 में चौथी बार मारी पलटी
नीतिश कुमार भले ही बीजेपी को कितना ही बुरा भला कह दें, लेकिन उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर साल 2020 में फिर सरकार बना ली। साल 2020 का विधानसभा चुनाव नीतीश और बीजेपी ने साथ मिलकर लड़ा और जीत भी हासिल की।

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2022 में पांचवीं बार मारी पलटी
हालांकि, साल 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पाला बदला और महागठबंधन के साथ आ गए। यह पांचवीं बार था जब नीतीश कुमार एक पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टी में आए।

2024 में छठी बार मारी पलटी
माना जा रहा था कि 2025 के चुनावों को लेकर नीतिश कुमार पर तेजस्वी यादव के लिए सीएम पद छोड़ने का दवाब लगातार बनाया जा रहा था। इस वजह से उन्होंने महागठबंधन से नाता तोड़ दिया। वहीं दूसरा कारण राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोकसभा चुनावों में बीजेपी लहर का असर दिखने लगा है। इससे देख नीतिश कुमार ने फिर पलटी मारना ठीक समझा। नीतिश की पलटी ने विपक्ष के सारी अपेक्षाओं का भी अंत कर दिया।

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