Nirbhaya Case Live Updates: फिर टली फांसी, जानिए अब कब आएगा फैसला

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निर्भया सामूहिक दुष्कर्म के चारों आरोपियों को कल सुबह (एक फरवरी) फांसी नहीं होगी। पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी है। दोषियों के वकील एपी सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कोर्ट ने अक्षय, विनय, पवन और मुकेश के डेथ वारंट को रद्द कर दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पवन गुप्ता की जुवेनाइल याचिका खारिज कर दी है। पवन ने याचिका डाली थी अपराध के समय वह नाबालिग था।

सुनवाई के दौरान वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि इस मामले में फांसी अलग-अलग नहीं दी जा सकती है। नियम के हिसाब से भी किसी भी एक मामले में दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी सकती, जब तक कि सभी दोषियों की सभी याचिकाओं का निपटारा न हो जाए।

वहीं दोषियो की वकील वृंदा ग्रोवर ने 1981 के एक मामले का जिक्र किया, जिसमें 3 लोगों को फांसी की सजा दी गई थी। इस मामले में 2 लोगों ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई और उनको राष्ट्रपति ने माफ कर दिया था, लेकिन एक दोषी ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका नहीं लगाई और उसे फांसी दे दी गई। एक ही मामले में एक को फांसी हुई। इसलिए उसके बाद से सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया किसी एक मामले में फांसी सभी दोषियों को एक साथ दी जाएगी।

अब आपके मन में सवाल उठा होगा कि आखिर ये दोषी बच कैसे रहे हैं तो हम आपको बताते हैं ऊपर हुए एक केस के जिक्र के बाद निर्भया के दोषियों के पास बचने के क्या विकल्प बचे हैं।

जानिए निर्भया के दोषी अबतक क्यों बच रहे हैं.. 

मुकेश सिंह के पास कोई रास्ता नहीं
दोषी मुकेश सिंह के सभी विकल्प खत्म हो चुके हैं। उसने दया याचिका खारिज होने के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

अक्षय के पास दो लाइफलाइन
दोषी अक्षय के पास फिलहाल दो लाइफलाइन बची हैं। उसकी क्यूरेटिव पिटिशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने गुरुवार को अक्षय की ओर से दाखिल क्यूरेटिव पिटिशन को चैंबर में देखा। बेंच ने एकमत से कहा कि क्यूरेटिव के लिए केस नहीं बनता। अब उसके पास राष्ट्रपति के पास जाने का विकल्प और सुप्रीम कोर्ट (खारिज याचिका के खिलाफ) जाने का विकल्प बचा है।

पवन के पास तीन मौके
पवन के पास फिलहाल तीन मौके बचे है। फिलहाल उसने क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल नहीं की है। दया याचिका और उसके खारिज होने पर वह भी सुप्रीम कोर्ट जा सकता है।

विनय के पास दो लाइफलाइन
फिलहाल विनय शर्मा की दया याचिका पेंडिंग है। उसकी क्यूरेटिव पिटिशन पहले ही खारिज हो चुकी है।

आपको बता दें, निर्भया मामले को सात साल बीत चुके हैं। मामले में कुल छह दोषी थे। इसमें से एक राम सिंह ने 2015 में तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी और नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद रिहा कर दिया गया था। बाकी चार यानी विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय कुमार सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई थी।

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