केरल: कोरोना के कम होते मामलों से राहत मिलनी शुरू ही हुई थी कि केरल में एकबार फिर खतरे की घंटी बज उठी है। बीते 24 घंटे के भीतर 31 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। वहीं महामारी की वजह से 215 लोगों ने जान गंवाई है। इसी दौरान कुल 20271 लोग कोरोना को हराकर स्वस्थ भी हुए। राज्य में टीपीआर 19.03 फीसदी है। जोकि काफी चिंताजनक है।
इससे पहले मंगलवार को राज्य में चौबीस घंटों में संक्रमण के 24,296 नए मामले सामने आए थे। ऐसा पिछले दो-तीन महीनों में नहीं हुआ था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा मामले और मौतें केरल में ही हो रही हैं। बता दें, बता दें कि केरल में हाल ही में 21 अगस्त को ओणम पर्व मनाया गया है। ओणम उत्सव के बाद, चिकित्सा विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की थी कि कोरोना पॉजिटिविटी रेट 20 प्रतिशत से अधिक हो सकता है और संक्रमण की संख्या में और बढ़ोतरी होगी।
वही, विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि भारत में कोरोना एक तरह से महामारी के स्थानिकता के चरण में प्रवेश कर रहा है, जहां पर कोरोना का निम्न और मध्यम स्तर का संक्रमण जारी है।
डॉ. सौम्या ने बताया कि स्थानिक अवस्था तब होती है जब कोई आबादी किसी भी वायरस के साथ ही रहना सीख जाती है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि WHO का तकनीकी समूह भारत की कोवैक्सीन को उसके अधिकृत टीकों में शामिल करने की मंजूरी देने के लिए संतुष्ट होगा। उन्होंने कहा मुझे विश्वास है कि सितंबर के मध्य तक कोवैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है।
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