जीलैंडिया हो सकता है दुनिया का 8वां महाद्वीप

दिलचस्प यह है कि भारत के गोंडवाना का पांच फीसद हिस्सा भी कभी इस प्रस्तावित महाद्वीप का हिस्सा रह चुका है।

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मेलबर्न: अबतक आप केवल सात महाद्वीप के बारें जानते थें लेकिन अब ये जल्द आठ हो जाएगे। जी हां रिसर्चर्स ने ऑस्ट्रेलिया के ईस्ट में पानी के नीचे जमीन के एक नए बड़े टुकड़े का पता लगाया है। इसे जीलैंडिया नाम दिया गया है। इसे दुनिया के 8वें कॉन्टिनेंट की मान्यता दी जा सकती है।

जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ अमेरिका के जर्नल में पब्लिश पेपर के मुताबिक जीलैंडिया का ज्यादा हिस्सा (करीब 94%) साउथ-वेस्ट पैसिफिक (दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर) में डूबा हुआ है।

शोधकर्ताओं के अनुसार जीलैंडिया में महाद्वीप बनने की सभी खूबियां हैं। दिलचस्प यह है कि भारत के गोंडवाना का पांच फीसद हिस्सा भी कभी इस प्रस्तावित महाद्वीप का हिस्सा रह चुका है। अगर जीलैंडिया को एक नए महाद्वीप के रूप में मान्यता मिल जाती है, तो यह एशिया, यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, आस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका के बाद आठवां महाद्वीप होगा।

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क्या है खासियत:

  • जीलैंडिया दरअसल दक्षिण पश्चिम प्रशांत महासागर के 40.9 लाख किलोमीटर लंबे क्षेत्र में फैला है।
  • महाद्वीपीय परत से बना यह क्षेत्र समीपवर्ती महासागरीय सतह से अपेक्षाकृत ऊंचा है।
  • इसमें सिलिका चट्टानों की भरमार है।
  • वर्तमान में इसका 94 प्रतिशत हिस्सा समुद्र में डूबा हुआ है।

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फिलहाल ऐसा कोई वैज्ञानिक संगठन नहीं है जो कॉन्टिनेंट्स को मान्यता दे सके। ऐसे में आने वाले वक्त में ही शायद रिसर्च से ये मुमकिन हो सके कि जीलैंडिया को नया कॉन्टिनेंट माना जाए। ऐसा होता है तो टेक्स्ट बुक में भी बदलाव होंगे, जैसा कभी सोलर सिस्टम में से प्लूटो को हटाने पर हुआ था।

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