Naresh Meena: नरेश मीणा के थप्पड़काड़ के बाद टोंक में हिंसा, 50 घायल, 60 उपद्रवी गिरफ्तार, जानें पूरा मामला?

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राजस्थान की देवली-उनियारा (टोंक) विधानसभा में उपचुनाव की वोटिंग के दौरान हुआ बवाल रातभर चला। अब नरेश (Naresh Meena ) ने कैमरे के सामने बताया कि आखिर क्यों ये बवाल मचा। दिन में ऐसा क्या हुआ था कि उसने SDM को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। नरेश ने SDM अमित चौधरी पर फर्जी तरीके से वोटिंग करने का आरोप लगाया। जब नरेश से पूछा गया कि आप पुलिस हिरासत से क्यों भागे? तो नरेश ने कहा- भागा नहीं, हमने पुलिस वालों को ठोका है। हमने उन्हें जमकर मारा है। फिर वो लोग खुद ही भाग गए. वो तो उनके पास मिर्ची बम थे, जिससे मैं बेहोश हो गया।

बीते दिन, विधानसभा के समरावता गांव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था। वोटिंग का टाइम खत्म होने के बाद पुलिस और ग्रामीणों में जमकर पथराव हुआ। उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। गुस्साए लोगों ने SP विकास सांगवान की गाड़ी भी तोड़ दी। इस बीच पुलिस ने रात करीब 9 बजे नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया। मीणा के समर्थकों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए।

सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण ने पुलिस जवानों को घेर लिया और मीणा को छुड़ाकर ले गए। इसके बाद बुधवार रातभर पुलिस ने समरावता गांव और आसपास के इलाके में दबिश दी। अब तक 60 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटनाक्रम में 50 से ज्यादा ग्रामीण और पुलिसवाले घायल हुए हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस वालों ने गांव में कई गाड़ियों में आग लगा दी और उनके बच्चों को उठा ले गए। रातभर पुलिस की दबिश के कारण 100 से ज्यादा लोग गांव छोड़कर भाग गए। गुरुवार सुबह भी पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है। वहीं, नरेश मीणा की भी तलाश की जा रही है। हालांकि, बुधवार देर रात नरेश मीणा ने X पर पोस्ट शेयर कर लिखा- मैं ठीक हूं।

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SDM पर मीणा ने क्या लगाया आरोप
जब नरेश से पूछा गया कि SDM को थप्पड़ मारना जायज था वो बोला- हां बिल्कुल जायज था। उस चोर के लिए यह जायज था। वो फर्जी वोटिंग करवा रहा था। उसने दलित महिला से बदसलूकी की. पुलिस वालों ने भी जो किया वो गलत था. दोनों मामलों की न्यायिक जांच होनी चाहिए। फर्जी वोटिंग और पुलिस की कार्रवाई, दोनों की जांच होनी चाहिए। SP के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। बाकी के पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी एक्शन होना चाहिए, जिन्होंने गांव में आग लगाई, तोड़फोड़ की और मारपीट की।

 

कलक्टर नहीं आयी और हंगामा हुआ?
नरेश से पूछा गया कि आप लठ-डंडे लेकर क्यों आए थे? नरेश ने कहा- सुबह 7 बजे से हमारी कोई नहीं सुन रहा था। पुलिस भी सही से बर्ताव नहीं कर रही थी। कलेक्टर तो 45 किलोमीटर दूर मेहंदी लगाकर बैठी थीं। कलेक्टर अगर आ जाती तो ये सब नहीं होता। न ही SDM को थप्पड़ पड़ता।


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बता दें, राजस्थान में बुधवार को सात सीटों पर उपचुनाव के लिए हुए मतदान प्रतिशत ने चौंका दिया है। इनमें से 6 सीटों पर 2023 के विधानसभा चुनाव की तुलना में कम वोटिंग हुई है। जबकि इन सात में सबसे ज्यादा 75 प्रतिशत से अधिक मतदान खींवसर और रामगढ़ सीट पर हुआ है। साल 2023 के चुनाव के मुकाबले उपचुनाव में वोटिंग प्रतिशत घटने को लेकर सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। दौसा में वोटर्स के उत्साह में कमी के बाद अब रिजल्ट को लेकर भी कयास शुरू हो गए हैं।

 

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