सूरत: बलात्कारी आसाराम बापू के रेपिस्ट बेटे नारायण साईं को सूरत की सेशंस कोर्ट ने 11 साल पुराने अपराध की आज सजा सुनाते हुए उमकैद का ऐलान किया साथ एक लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है। सूरत सत्र अदालत ने आसाराम के बेटे नारायण को 2013 के दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिया था।
2013 से ही लाजपोर जेल में बंद 47 वर्षीय नारायण के अलावा दो महिलाओं सहित उसके चार सहयोगियों को विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था। नारायण को आइपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक भय) और 120-बी (साजिश) के तहत दोषी करार दिया गया था।
साईं की सहयोगी धर्मिष्ठा उर्फ गंगा, भावना उर्फ जमुना और पवन उर्फ हनुमान को साजिश का हिस्सेदार होने का दोषी पाया गया है। नारायण साईं के ड्राइवर राजकुमार उर्फ रमेश मल्होत्रा को आइपीसी की धारा 212 (अपराध रचने) का दोषी ठहराया गया है। साधिका कही जाने वाली गंगा और जमुना को पीड़िता को गैरकानूनी रूप से बंधक बनाने और साई के कहने पर पिटाई करने का दोषी पाया गया है। दोनों पर पीड़िता को साई के साथ संबंध बनाने के लिए ब्रेनवाश करने का भी आरोप है।
बता दें, नारायण साईं के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के करीब दो महीने बाद दिसंबर, 2013 में नारायण साईं हरियाणा-दिल्ली सीमा के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के वक्त नारायण साईं ने सिख व्यक्ति का भेष बना रखा था। खुद को कृष्ण का रूप बताने वाले नारायण साईं की गिरफ्तारी के बाद उसके कृष्ण की तरह महिलाओं के बीच बांसुरी बजाने के कई वीडियो भी सामने आए थे।
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